भगवान गौतम बुद्ध की जयंती पर वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव ने सपरिवार पूजा अर्चना की
रांची: वित्तमंत्री डॉ रामेश्वर उरांव के बरियातू आवास पर बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर भगवान गौतम बुद्ध की जयंती उत्सव के रूप में मनाया गया। वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने सपरिवार पुत्र रोहित प्रियदर्शी उरांव,पुत्री श्रीमती निशा उरांव,दामाद आशिष सिंघमार,सचिव रंजीत सिन्हा एवं पासवा के प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे, उपाध्यक्ष लाल किशोर नाथ शाहदेव एवं महासचिव डॉ राजेश गुप्ता छोटू,मो. जिन्ना, ललित नारायण मिश्रा, छोटानागपुर बौद्ध सोसायटी के सैंकड़ों बुद्ध के अनुयायियों के साथ विधिवत भगवान बुद्ध की पूजा अर्चना की।
बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध की प्रतिमा पर भक्तों ने नया वस्त्र पहनाया,108 दीप जलाये, दार्जिलिंग से आये दावा लामा,सोनम लामा,बुद्धा सागर लामा,थिम्पू लामा ने विधिवत पूजा अर्चना कराया,बौद्धि वृक्ष को खदा झंडे से सजाया गया।
इस मौके पर डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध महानतम आध्यात्मिक गुरुओं में से एक थे। भगवान बुद्ध ने पूरी दुनिया को करुणा और सहिष्णुता के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया, उनके द्वारा दिए गए उपदेश, संदेश और विचार मनुष्यों को नैतिक मूल्यों के अलावा संतोष पर आधारित जीवन जीने की दिशा में प्रेरणा करने के लिए प्रेरित करते हैं। गौतम बुद्ध के द्वारा दिए गए उपदेशों में बताया गया है कि बुराई से बुराई कभी खत्म नहीं होती है,घृणा को तो केवल प्रेम द्वारा ही समाप्त किया जा सकता है। गौतम बुद्ध ने कहा मोमबत्ती बिना आग के नहीं जल सकती है,उसी प्रकार मनुष्य भी आध्यात्मिक जीवन के बिना नहीं जी सकता। डॉ उरांव ने कहा कि खुशी रोशनी के समान है जिसे आप दूसरों को देंगे उतना ही बढ़ेगा जैसे कि एक जलता हुआ दीप हजार दीप जलाकर रोशनी फैला सकता है लेकिन इससे उसकी रौशनी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है वैसे ही खुशियां बांटने से बढ़ती हैं। डॉ उरांव ने कहा बुद्ध के विचार और संदेश आज भी प्रासंगिक हैं, उनके आदर्शों को अगर हम आत्मसात करें तो 21वीं सदी में दुनिया भाईचारे, प्रेम, सहिष्णुता की एक नई इबारत लिखेगा, उन्होंने कहा खास करके बुद्ध द्वारा बताए गए पंचशील एवं अस्टांगिक मार्ग विशेष रूप से प्रासंगिक हैं।
प्रदेश पासवा अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे एवं उपाध्यक्ष लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा भगवान बुद्ध श्री हरि विष्णु के नवें अवतार थे, बुद्ध जयंती के दिन ही उनका निर्वाण दिवस भी मनाया जाता है ।भगवान बुद्ध ने कहा मनुष्य को कभी भी अपने बीते हुए काल में नहीं उलझना चाहिए और ना भविष्य के सपने बुनने चाहिए, मनुष्य को वर्तमान पर ध्यान देना चाहिए।पूजन कार्यक्रम में झारखंड गोरखा संगठन एवं छोटानागपुर सोसायटी के पदाधिकारी सुमन प्रधान, धीरज राय,ज्योति राई,नवनीत प्रधान परिणिता लामा,रत्ना गोथी, सपना राई, मुन्ना गुरुंग, कृष्णा लिंबू, इंद्र बहादुर गुरुंग, मिथिला सिंह राई, दीपाली राई, छाया थापा, माहेश्वरी राई मुख्य रूप से उपस्थित थे।
बोधगया से विशेष रुप से पधारे लामा डॉ पूर्णेन्दु प्रियदर्शी ने बोधगया का पवित्र जल प्रसाद के रुप में लेकर आये थे,साथ ही साथ पाड़ी विषय के व्याख्याता होने के नाते डॉ पूर्णेन्दु ने झारखण्ड लोक सेवा आयोग में पाड़ी भाषा को सम्मिलित करने की मांग वित्त मंत्री से की।