मजदूर दिवस पर असंगठित कामगार मोटिया किसान संघ ने जागरूकता कार्यक्रम चलाया
खूंटी: जिला में असंगठित कामगार मोटिया मजदूर किसान संघ के द्वारा अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस धूमधाम से ढोल नगाड़ाऔर मांदर के थप्पड़ पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अध्यक्ष सयूम अंसारी के नेतृत्व में एक विशाल रैली स्थानीय डाक बंगला परिसर से निकलकर डाकबंगला रोड होते हुए भगत सिंह चौक मेन रोड नेताजी चौक और पुणे डाक बंगला परिसर में आकर सभा में तब्दील हुई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डलास के सचिव मनोरंजन कूमार ने कहा आज ही के दिन इसकी शुरुआत 1886 में अमेरिका से किया गया एलए डीसी अमरदीप कुमार चीफ एलएडीसी राजीव कमल कानून से संबंधित मजदूरों को जानकारी दी। वहीं जिला के श्रम अधीक्षक पवन कुमार सिंह ने मजदूर से संबंधित सुविधा की जानकारी दी। विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला परिषद संघ के अध्यक्ष सुशील सांगा, टेंपो संघ के अध्यक्ष अरुण सांगा,मजदूर संघ के अध्यक्ष धर्मेंद्र मांझी, किसान संघ के अध्यक्ष गोपाल महतो, महिला अध्यक्ष रेखा देवी, कार्यकारी अध्यक्ष संगीता कुमारी, प्रखंड अध्यक्ष कर्रा मंसूर आलम, तोरपा प्रखंड अध्यक्ष निकोदिन होरो आदि लोग ने सभा को संबोधित किया। इस अवसर पर संघ के अध्यक्ष सयूम अंसारी ने कहा कि भारत में 100 साल पहले आज ही के दिन भारत में 1 मई 1923 को मजदूर दिवस के रूप में मनाया गया था ।आज 100 साल पूरा होने पर सम्मान समारोह के रूप में मनाया गया। लेकिन देश के नेताओं का ध्यान गरीब मजदूर किसानों की ओर कभी नहीं रहा है। जिसके कारण आज देश में गरीब मजदूरों की तादाद और भुखमरी की कगार पर है। विधायक और सांसद कभी भी सदन मे मजदूरों हितों की बात नहीं उठाते हैं ।आज भारत में 100 साल पूरा होने के उपलक्ष्य में मजदूरों को असंगठित कामगार मोटिया मजदूर किसान संघ की ओर से सैकड़ों मजदूरों को सम्मानित किया गया। सभी अतिथियों को गमछा देकर कर स्वागत किया गया एवं सम्मान स्वरूप सम्मान दिया गया। इस अवसर पर पेटीदार संघ का चुनाव हुआ। अध्यक्ष विजय महतो उपाध्यक्ष सुरेश गंजू सचिव कमरुद्दीन अंसारी लल्लन महतो नारायण महतो को बनाया गया इस अवसर पर गोपाल भगत विक्रम महतो बबलू नायक अरविंद राम विनोद राम गोपाल महतो पवन महतो बिरसा मुंडा सहदेव महतो कुलदीप महतो इम्तियाज अंसारी रहीम खा रेखा देवी आरती देवी लाली देवी संगीता कुमारी सुनीता देवी गुलेरिया चंपिया विशेश्वर बड़ाईक फैजान खान अजीत रॉय राजू बरला बिरसा उरांव कूदीलाल हेमरोम कैलाश मांझी निकोलास हेमरोम कैलाश हेमरोम आदि हजारों की संख्या में मजदूर जमे रहे।