पूर्वी सिंहभूम और जामताड़ा में मशरूम का बंपर उत्पादन,एपीपी एग्रीगेट दे रहा है बाजार
जामताड़ा में 81,पूर्वी सिंहभूम जिले में 25 केजी की खरीदारी
रांची: झारखंड में इसबार मशरूम का बंपर उत्पादन हुआ है। जेटीडीएस के अंतर्गत एपीपी एग्रीगेट के माध्यम से ग्रामीण आदिवासी महिलाओं को मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण का फलाफल दिखने लगा है।
प्रशिक्षण लेने के बाद ग्रामीण आदिवासी महिलाएं अपने घर पर पूरे तन मन से मशरूम का उत्पादन करने का काम किया और रिकॉर्ड स्थापित करने में कामयाब हुई है। उसको बाजार देने का काम एपीपी एग्रीगेट कर रहा है। ग्रामीण महिलाओं से ड्राय मशरूम छह सौ रुपए प्रति किलो के दर से खरीद रहा है।
महिलाओं को मशरूम बेचने के लिए बाजार भी जाना नहीं पड़ रहा है। एपीपी एग्रीगेट उनके घर पर जाकर मशरूम खरीद रहा है। शनिवार एक अप्रैल को पूर्वी सिंहभूम से40केजी ड्राय और कच्चा 12केजी की खरीदारी की गई।वहीं जामताड़ा से81केजी की खरीदारी की गई। वहीं एपीपी एग्रीगेट के निदेशक प्रभाकर कुमार ने कहा कि इस मशरूम को हम लोग बारी,पापड़,बिस्कुट और आचार बनायेगे।मेरा निरंतर प्रयास है की झारखंड मशरूम का एक गढ़ हो जाए ताकि झारखंड से मशरूम का पूरे भारत ही नहीं विदेशों में भी मशरूम का सप्लाई किया जा सके। इसका लाभ ग्रामीणों को मिल सके। उन्होंने कहा कि मेरा झारखंड सरकार से अनुरोध है की मशरूम के तरफ भी झारखंड के लोगों के हित में विशेष ध्यान दिया जाय। क्योंकि मशरूम की खेती घर के अंदर किया जाता है। इसके लिए झारखंड की महिलाओं को बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे पलायन रुकेगा।