भाजपा लोगों की आवाज को दबाने के लिए राहुल गांधी को टारगेट कर रही है: प्रदीप यादव
रांची: झारखंड के कद्दावर नेताओं में सुमार पोडैयाहाट विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक प्रदीप यादव अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते हैं। जनहित से जुड़े मुद्दे को सदन से लेकर सड़क तक उठाने में कभी पीछे नहीं रहते हैं।
यही कारण है की पोडैयाहाट विधानसभा क्षेत्र से पिछले कई टर्म से जनता इन्हें अपना आशीर्वाद देकर सदन भेज रही है। किसी भी मुद्दे पर अपनी बातों को बहुत ही सहजता से प्रस्तुत कर देते हैं। विधायक प्रदीप यादव शिक्षा मंत्री भी रह चुके हैं। साथ ही मीडिया फ्रेंडली भी है।
राहुल गांधी पर भाजपा के लगातार हमलावर पर विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि भाजपा जनता की आवाज को दबाने के लिए राहुल गांधी को टारगेट कर रही है। राहुल गांधी ने संसद में सच को रखने का काम किया है। उनका तो इतना ही कहना है की पीएम मोदी का अडानी के साथ क्या संबंध है। उन संबंधों को बताएं और कितनी बार उनकी विदेश यात्रा अडानी के साथ हुई है। उनके जाने के बाद विदेश नीति में क्या प्रभाव पड़ा,अडानी को कौन से काम मिले,इन तमाम चीजों को राहुल गांधी ने सार्वजनिक किया है। सच तो कड़वा होता है।
उन्होंने कहा कि भाजपा की हालत खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे वाली हो गई है। इसी कहानी को दोहराते हुए भाजपा लोगों की आवाज को दबाने के लिए यह कदम उठाया है। राहुल गांधी के लोकसभा की सदस्यता समाप्त करने की साजिश रची जा रही है। लेकिन,इससे न तो राहुल गांधी डरने वाले हैं और न ही कांग्रेस। जो सच है उसे कांग्रेस जनता के बीच हर हालत में ले जायेगी। आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को इसका गंभीर परिणाम भुगतना पड़ेगा। जनता इनसे हिसाब मांगेगी।
वहीं प्रदेश में स्थानीय नियोजन नीति पर भाजपा विधायकों का लगातार प्रदर्शन के सवाल पर कहा कि यह बिना सिर पैर वाला मुद्दा है। भाजपा को इसपर कहने का कोई अधिकार नहीं है। भाजपा ने तो बीस वर्षों तक चलाया,उनके रघुवर दास ने तो बिहार और छत्तीसगढ़ के नौजवानों को बुलाकर यहां नौकरियां देने का काम किया है। सारी नौकरियां उन्होंने बेच दी। झारखंड की वर्तमान सरकार झारखंडी मिजाज का है। सरकार यहां के मूलवासी 1932 के खतियानी को रोजगार देना चाहती है। लेकिन इसे लोकसभा से पास करना होगा। भाजपा यह नहीं चाहती है। राज्य सरकार नियुक्ति प्रक्रिया को चालू रखने के लिए 60-40 के फंडे पर आगे बढ़ रही है। इसमें 60 प्रतिशत स्थानीय और बच्चे 40 प्रतिशत अन्य के लिए रखने का प्रावधान है। इससे नियुक्ति प्रक्रिया बाधित नहीं होगी और स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार मिल पाएगा। सरकार का प्रयास है की अधिकांश सीटों पर स्थानीय लोगों को ही नौकरी मिले।
सदन के बाहर और अंदर सदस्यों द्वारा आपत्तिजनक बातों पर विधायक ने कहा कि सदन के अंदर इस तरह की बातों को स्पीकर स्पंज कर देते हैं। यह कार्यवाही का अंश नहीं होता है। इसमें कई सदस्य ऐसे होते हैं जिन्हें विषयों की जानकारी कम होती है और तैस में आकर कुछ भी आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग कर देते हैं। इससे बचना चाहिए। विधायक ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा में आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग भाजपा के सदस्य अधिक करते हैं।