09 दिसम्बर शुक्रवार का राशिफल एवम पंचांग

मेष:आज आपका दिन बेहतरीन रहेगा । आपको व्यवसाय में लाभ होने के संयोग हैं। अगर आप अपनी घरेलू जिम्मेदारियों को अनदेखा करेंगे तो कुछ ऐसे लोग नाराज हो सकते हैं जो आपके साथ रहते हैं। आपके लिए आज का दिन आर्थिक दृष्टि से बहुत शुभ है। अपनी खुशियों को दूसरों के साथ साझा करना आपकी सेहत को भी बेहतर करेगा। आराम के लिए समय मिलेगा और स्वास्थ्य लाभ होगा।

वृष: मिला जुला समय रहेगा ।आर्थिक तौर पर सुधार के चलते आप आसानी से काफी वक़्त से लंबित बिल और उधार चुका सकेंगे।आपको आज अपनी वाणी पर संयम रखें। आज किसी नए कार्य का प्रारंभ न करें और क्रोध एवं आवेश में वृद्धि न आए इसका ध्यान रखें। जरूरत से ज्यादा वक़्त व पैसा मनोरंजन पर खर्च न करें।

मिथुन: मन पसन्न मुद्रा मे रहेगा ।परिवार में आवश्यक विषयों पर चर्चा होगी। माता का आरोग्य अच्छा रहेगा। धन संपत्ति-मान सम्मान के अधिकारी बनेंगे। जल्दबाजी में निवेश न करें। दिन के कार्यभार से कुछ थकान का अनुभव होगा, परंतु स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। आज आपका सबसे बड़ा सपना हकीकत में बदल सकता है।

कर्क: व्यवसाय में बाधा उपस्थित होने की संभावना है। मानसिक दबाव के बावजूद आपकी सेहत अच्छी रहेगी। कार्यक्षेत्र के नज़रिए से आज का दिन आपका है। इसका भरपूर फायदा उठाएँ। आप पैसा बना सकते हैं, बशर्ते आप अपनी जमा-पूंजी पारम्परिक तौर पर निवेश करें।

सिंह: आज आप शारीरिक एवं मानसिक रूप से भरपूर प्रतिकूलता का अनुभव करेंगे। मन में उत्साह का संचार होगा, जिस वजह से दिनभर का समय आनंदपूर्वक बीतेगा। आज उच्च पदाधिकारी खुश होंगे। बाहर जाना हो सकता है। सरकारी लाभ होगा। आज कोई महत्त्वपूर्ण योजना भी बना सकते हैं।

कन्या: आज का दिन आपके लिए बहुत अच्छा रहेगा। लेन-देन में सावधानी बरतें। कानूनी मसले हल होंगे। किसी चिंता से मुक्ति मिलेगी। पत्नी एवं पुत्र की तरफ से लाभदायी समाचार मिलेंगे। मित्रों से हुई मुलाकात से आनंद मिलेगा। किसी आत्मीय व्यक्ति से भेंट हो सकती है। परिवार के सदस्यों की मदद रहेगी।

तुला: आज स्वजनों और स्नेहीजनों के साथ मतभेद खड़े होंगे, परिणामस्वरूप घर में विरोध का वातावरण उपस्थित होगा। आज के कार्य अधूरे रह सकते हैं। किसी कारणवश व्यय भी अधिक होगा। यदि पुरानी बातों को कुरेद कर नोक-झोंक करेंगे तो परिणाम अच्छे नहीं मिलेंगे। आपके कार्यों की प्रशंसा होगी।

वृश्चिक: आज व्यापार अच्छा चलेगा। विवाद समाप्त होने से शांति एवं सुख बढ़ेगा। परोपकारी स्वभाव होने से दूसरों की मदद कर पाएंगे। कामकाज की जिज्ञासा बढ़ेगी। सुखवृद्धि एवं पारिवारिक उन्नति होगी। परिवार में क्लेश, मनमुटाव हो सकता है। आज आप अपने जीवनसाथी को विशेष खुशी देने की कोशिश करेंगे।

धनु: आज आपको अच्छे समाचार मिल सकते हैं। आर्थिक लाभ की संभावनाएं हैं। आज आपका पारिवारिक वातावरण आनंद व उल्लास से लबालब भरा रहेगा। तन में चेतना एवं स्फूर्ति का संचार होगा। उनसे मिली भेट व सौगात पाकर आप आनंदित होंगे। यात्रा-पर्यटन के योग हैं।

मकर: आज आलस्य को त्यागकर कार्यों को समय पर करने से सफलता प्राप्त हो सकती है। पारिवारिक जीवन सुखद रहेगा। सोच-समझकर व्यय करें। कार्य एवं व्यवसाय के क्षेत्र में बाधाओं से मन अशांत रहेगा। आज का दिन आपके लिए अच्छा रहेगा। दफ्तर में सहकर्मियों का सहयोग मिलेगा।

कुंभ: आज का दिन आपके लिए बहुत शुभ है। आपका आज का दिन आनंद व उल्लास से भरा हुआ होगा व शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा होगा। आज के कार्य अधूरे रह सकते हैं। किसी कारणवश व्यय भी अधिक होगा। आज किए गए हर कार्य में सफलता मिलेगी। घर का वातावरण प्रफुल्लित रहेगा।

मीन: आज किसी धार्मिक स्थल पर जाने का सुनहरा अवसर है। रचनात्मक कार्य में मन लगेगा। शत्रु से सतर्क रहें। कर्मनिष्ठ होकर हाथ पर रखे काम को पूर्ण करने का प्रयास करेंगे। आपका व्यवहार आज न्यायानुकूल रहेगा। विवाहिताओं को आज मायके से भी लाभ हो सकता है व अच्छे समाचार मिल सकते हैं।
🌞 ll~ वैदिक पंचांग ~ll🌞
🌤️ दिनांक – 09 दिसम्बर 2022
🌤️ दिन – शुक्रवार
🌤️ विक्रम संवत – 2079
🌤️ शक संवत -1944
🌤️ अयन – दक्षिणायन
🌤️ ऋतु – हेमंत ॠतु
🌤️ मास – पौष
🌤️ पक्ष – कृष्ण
🌤️ तिथि – प्रतिपदा सुबह 11:34 तक द्वितीया
🌤️ नक्षत्र – मृगशिरा दोपहर 02:59 तक तत्पश्चात आर्द्रा
🌤️ योग – शुभ 10 दिसम्बर रात्रि 03:44 तक तत्पश्चात शुक्ल
🌤️ राहुकाल – सुबह 11:09 से दोपहर 12:31 तक
🌞 सूर्योदय – 06:09
🌦️ सूर्यास्त – 05:05
👉 दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
🚩 *व्रत पर्व विवरण-
🔥 *विशेष – प्रतिपदा को कूष्माण्ड(कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

🌷 कर्ज हो तो 🌷
💰 किसी के सिर पर कर्जा है तो एक सफेद कपड़ा ले लिया और पाँच फूल गुलाब के ले लिए |एक फूल हाथ में लिया और गायत्री मंत्र बोल देना :
🌷 ॐ भू र्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात् |
🌹 और कपड़े पर रख दिया | ऐसे पाँचो फूल गायत्री मंत्र जपते हुये कपडे पर रख दिये और कपड़े को गठान लगाईं और प्रार्थना पूर्वक कि मेरे सिर पर जो भार है.. हे भगवान, हे भागीरथी गंगा !! वो भार भी बह जाये, दूर हो जाये, नष्ट हो जाये ऐसा करके जो कपड़ा बाँधा है फूल रखकर वो बहते हुए पानी में (नदी में) बहा दे |

🌷 पौष मास 🌷
🙏🏻 पौष हिन्दू धर्म का दसवाँ महीना है। इस वर्ष 09 दिसम्बर 2022 (उत्तर भारत हिन्दू पंचांग के अनुसार) से पौष का आरम्भ हो गया है। पौष मास की पूर्णिमा को अधिकांशतः चंद्र पुष्य नक्षत्र में होते हैं। तैत्तिरीय संहिता में पौष का नाम सहस्य बताया गया है। यह मास दक्षिणायनांत है। पौष मास में अधिकांशतः सूर्य धनु राशि में होते हैं। पौष मास को खर मास बहुत से लोग मानते हैं और इसमें कोई शुभ कार्य नहीं करते विशेषतः जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर जाएँ।
🌷 महाभारत अनुशासन पर्व अध्याय 106 के अनुसार “पौषमासं तु कौन्तेय भक्तेनैकेन यः क्षिपेत्। सुभगो दर्शनीयश्च यशोभागी च जायते।।” जो पौष मास को एक वक्त भोजन करके बिताता है वह सौभाग्यशाली, दर्शनीय और यश का भागी होता है ।
🙏🏻 शिवपुराण के अनुसार पौषमास में पूरे महिनेभर जितेन्द्रिय और निराहार रहकर द्विज प्रात:कालसे मध्यांन्ह कालतक वेदमाता गायत्रीका जप करें | तत्पश्चात रातको सोने के समयतक पंचाक्षर आदि मन्त्रों का जप करें | ऐसा करनेवाला ब्राह्मण ज्ञान पाकर शरीर छूटने के बाद मोक्ष प्राप्त कर लेता हैं |
🙏🏻 शिवपुराण के अनुसार पौष मास में नमक के दान से षडरस भोजन की प्राप्ति होती है।
🙏🏻 पौषमास में शतभिषा नक्षत्र के आने पर गणेश जी की पूजा करनी चाहिए
🌷 महाभारत अनुशासन पर्व में ब्रह्मा जी कहते हैं
पौषमासस्य शुक्ले वै यदा युज्येत रोहिणी। तेन नक्षत्रयोगेन आकाशशयनो भवेत्॥
एकवस्त्रः शुचिः स्नातः श्रद्दधानः समाहितः। सोमस्य रश्मयः पीत्वा महायज्ञफलं लभेत्॥
🙏🏻 पौषमास के शुक्ल पक्ष में जिस दिन रोहिणी नक्षत्र का योग हो, उस दिन की रात में मनुष्य स्नान आदि से शुद्ध हो एक वस्त्र धारण करके श्रद्धा और एकाग्रता के साथ खुले मैदान में आकाश के नीचे शयन करे और चन्द्रमा की किरणों का ही पान करता रहे । ऐसा करने से उसको महान यज्ञ का फल मिलता है।
🙏🏻 ब्रह्मवैवर्तपुराण, प्रकृतिखण्ड के अनुसार चैत्र, पौष तथा भाद्रपद मास के पवित्र मंगलवार को भगवान विष्णु ने भक्ति पूर्वक तीनों लोकों में लक्ष्मी पूजा का महोत्सव चालू किया। वर्ष के अन्त में पौष की संक्रान्ति के दिन मनु ने अपने प्रांगण में इनकी प्रतिमा का आवाहन करके इनकी पूजा की। तत्पश्चात तीनों लोकों में वह पूजा प्रचलित हो गयी।
🙏🏻 शिवपुराण के अनुसार धनु की संक्रांति से युक्त पौषमास में उष:काल में शिव आदि समस्त देवताओं का पूजन क्रमश: समस्त सिद्धियों की प्राप्ति करानेवाला होता हैं | इस पूजन में अगहनी के चावल से तैयार किये गये हविष्य का नैवेद्य उत्तम बताया जाता हैं | पौषमास में नाना प्रकार के अन्नका नैवेद्य विशेष महत्त्व रखता हैं |

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