खूंटी के जरियागढ़ में छाता नदी से रात के अंधेरे में हो रहा है अवैध बालू उठाव का धंधा, हो रहा राजस्व का नुकसान

खूंटी: जिले की नदियों से अवैध बालू उठाव उठाव का धंधा थमने का नाम नहीं ले रहा है। पुलिस प्रशासन की लाख पाबंदियों के बावजूद बालू माफिया उनके नाक के नीचे से यह धंधा चला रहे हैं।

वैसे तो जहां भी नदी है वहां पर खनन होता है।लेकिन खूंटी जिले के जरियागढ थाना अंतर्गत छाता नदी से रात के अंधेरे में अवैध बालू खनन का धंधा जोरों से चल रहा है। इस मार्ग में पुलिस थाना भी है,उसके बावजूद बालू माफिया हाइवा और टेक्टर से बालू की धुलाई कर रहे हैं। यहां से बालू झारखंड के अन्य जिले सहित दूसरे राज्यों में भेजा जा रहा है। इससे राज्य सरकार का करोड़ों रुपए की राजस्व की क्षति हो रही है।
ऐसा नहीं है की पुलिस के अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है। जिले से जब जांच टीम निकलती है तो उससे पहले बालू माफिया को सूचना मिल जाती है और जांच टीम को कुछ भी नहीं हाथ लगता है। इसके अलावा जांच टीम में पर्याप्त कर्मी नहीं होने से भी इसपर लगाम नहीं लग पाता है।
जरियागढ़ के स्थानीय लोगों की मानें तो छाता नहीं से प्रतिदिन 60-70 गाड़ी बालू का उठाव होता है। इसमें स्थानीय पुलिस की मिलीभगत होती है।
ग्रामीणों का कहना है की प्रतिदिन बालू लदे ट्रेक्टर और हाइवा का जरियागढ़ की सड़कें से गुजरने से सड़कें जर्जर हो गई है। साथ ही छाता नदी का अस्तित्व भी समाप्त होता जा रहा है। जिला प्रशासन को इसपर लगाम लगाने की जरूरत है। अवैध बालू उठाव का हम सभी ग्रामीण विरोध करेंगे।

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