प्रशिक्षण के बाद लाभुकों के बीच मशरूम उत्पादन सामग्री का वितरण
जामताड़ा: जिले के रामपुर चक और लकडचीपा गांव में तीन दिवसीय मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण शिविर का शनिवार को समापन हो गया। यह कार्यक्रम एपीपी एग्रीगेट खूंटी और झारखंड ट्राईबल डेवलपमेंट सोसायटी आदिवासी कल्याण विभाग झारखंड सरकार के सौजन्य से किया गया था।
कार्यक्रम के आखरी दिन मशरूम के बीज बुआई की विधियों को प्रायोगिक तौर पर प्रशिक्षकों द्वारा बताया गया । इसके साथ ही मशरूम बीज पॉलीबैग स्प्रे केमिकल रबर स्टैण्ड कुट्टी आदि सामग्रियों को 100 लाभुकों के बीच वितरित किया गया। मशरूम उत्पादन कीट प्राप्त कर प्रशिक्षणार्थी बेहद खुश दिखे । इस अवसर पर एपीपी एग्रीगेट खूंटी झारखंड के निदेशक प्रभाकर कुमार ने कहा कि मशरूम का हस अच्छी फसल उत्पादन करने पर आपका फसल हमारा फर्म निरंतर रूप से क्रय कर लेगी और उसका बाजारीकरण भी उपलब्ध करा दिया जाएगा ताकि सालों भर मशरूम उत्पादन से आप अपना अच्छा आमदनी बना सकती हैं। उन्होंने कहा कि मशरूम फल से बड़ी पापड़ अचार पाउडर बिस्कुट समोसा सूप मिक्चर आदि बनाकर बड़ा आमदनी किया जा सकता है । इस अवसर पर एपीपी एग्रीगेट खूंटी की प़शिक्षिका पूनम संगा ने मशरूम उत्पादन को बढ़ावा देने और उसके उत्पादन के तरीकों पर विस्तार से चर्चा की और प्रायोगिक तौर पर करके भी बताया । उत्साहित लाभुकों ने मशरूम बीज लगाने का प्रयोग स्वयं अपने हाथों से करके दिखाया।
एपीपी एग्रीगेट के राज्य प्रमुख अनमोल कुमार ने प्रशिक्षणार्थियों को मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण देते हुए कहा कि कम पूंजी कम स्थान कम लागत और कम मेहनत में मशरूम के माध्यम से सभी आदिवासी महिलाएं स्वावलंबी बनेगी और उनके आए सृजन में भी वृद्धि होगी। इस अवसर पर स्वयंसेवका बालिका मुर्मु नमिता किस्कू प़ीती कुमारी अमित कुमार और मोती लाल वोहरा ने भी अपने विचार व्यक्त किए और लाभार्थियों को मशरूम उत्पादन संबंधित जानकारी दी।