पर्यावरण संरक्षण के लिए बाघों का होना अत्यंत आवश्यक : रेंजर, मंगुराहा
विद्यार्थियों में क्विज एवं चित्रांकन प्रतियोगिता आयोजित
बेतिया: पर्यावरणीय प्रशिक्षण एवं जागरुकता अभियान के दूसरे दिन शुक्रवार को वनकर्मी, विद्यालय के बच्चों एवं बच्चियों ने साइकिल रैली एवं प्रभातफेरी निकाला। मंगुराहा रेंजर ने साइकिल रैली व प्रभात फेरी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली में बाघ बचाओ का नारा लगाया गया, रेंजर ने बाघों के संरक्षण एवं संवर्धन को ग्राम वासियों को नारा संदेश देकर यह बताया कि पारिस्थितिकी और पर्यावरण संरक्षण के लिए यूको बाघों का होना अतिआवश्यक है। उपर्युक्त प्रशिक्षण सह जागरुकता शिविर का विधिवत उद्घाटन गुरुवार को डीएफओ प्रद्युमन गौरो ने किया। प्रशिक्षण का संचालन वात्सल्य संस्थान के सचिव प्रासद गुरुदत्त के नेतृत्व संपन्न हुआ। बेतिया के आलोक भारती, संत माइकल स्कूल, लक्ष्य कोचिंग, चनपटिया व विभिन्न विद्यालय के छात्र छात्राओं ने प्रभात फेरी, साइकिल रैली में भाग लिया। विद्यार्थियों नुक्कड़ नाटक भी किया। विद्यार्थियों में क्विज प्रतियोगिता एवं चित्रांकन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। प्रशिक्षण में वन्यजीवों व इंसानों के बीच हो रही भिड़ंत पर भी चर्चा की गई। प्रशिक्षण का मुख्य विषय पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव जागरुकता रहा। कार्यक्रम के नोडल पदाधिकारी कुंदन कुमार एवं उनके सहयोगी राजेश कुमार ने समुचित प्रबंध किया गया। क्विज प्रतियोगिता में आलोक भारती बेतिया, संत माइकल स्कूल, लक्ष्य कोचिंग सेंटर चनपटिया, साठी हाई स्कूल व मैनाटांड़ सुखलही हाई स्कूल के विद्यार्थी शामिल हुए। प्रशिक्षण के क्रम में यह बताया गया कि पर्यटकों से उत्सर्जित कचरा की जिम्मेदारी पर्यटक की है। पर्यटक कचरों को जूट की बोरी या बैग में इकट्ठा करें, जिसका समुचित निष्पादन किया जा सके।