आरसीपी सिंह का बंगला भी छिना, आखिर खता क्या !
गणादेश ब्यूरो
पटना: आरसीपी सिंह बिहार की राजनीति के बड़े नाम।केंद्रीय मंत्री, जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, नीतीश कुमार के कभी खासमखास रहे इस पूर्व नौकरशाह ने नीतीश प्रेम में ही नौकरी छोड़ी।
आरसीपी सिंह इन दिनों जदयू नेतृत्व के कोप भाजन हैं। इतने कोप भाजन कि पहले उन्हें राज्यसभा का टिकट नहीं दिया गया और अब पटना का उनका 7, स्ट्रैंड रोड का बंगला भी छीन लिया गया है।
आरसीपी को यह बंगला खाली करना होगा, क्योंकि यह बंगला मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को एलॉट कर दिया गया है। राज्यसभा का टिकट नहीं मिलने से उनका केंद्रीय मंत्री का पद भी जाएगा और दिल्ली का बंगला भी। ऐसे में कभी जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे आरसीपी सिंह पर वर्तमान नेतृत्व की इस नाराजगी की क्या वजह है!
गणादेश ने जदयू के कई नेताओं से बात कर यह समझना चाहा तो कोई रिकॉर्ड पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुआ। वो भी नहीं जो अच्छे दिनों में आरसीपी के सहारे ही जदयू की राजनीति में आगे बढ़े।
पर जो सच सामने आ रहा है,उसके अनुसार आरसीपी के बीजेपी प्रेम के चलते नीतीश उनसे काफी नाराज हुए। और एक बार नीतीश कुमार नाराज हो जाएं तो फिर जदयू में स्पेस कहां बचता है!
घर छीनने का सीधा सा मतलब है कि आरसीपी को जदयू नेतृत्व ने रेड सिग्नल दे दिया। तो ऐसे में सवाल उठता है कि आरसीपी के सामने अब क्या विकल्प है! क्या वह जदयू छोड़ेंगे या फिर अपमानित होकर भी पार्टी में ही रहेंगे ।उस पार्टी में, जिसके कभी वह राष्ट्रीय अध्यक्ष थे और उनकी हर बात आदेश होती थी।
दरअसल ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद आरसीपी के रास्ते संकरे होते गए, करीब-करीब बंद। पर वह इस बात को समझ नहीं पाए। उन्हें बीजेपी नेतृत्व पर भरोसा था। हालांकि बीजेपी ने भी आरसीपी की कोई मदद नहीं की। लेकिन अब आरसीपी के साथ जो हो रहा है।उससे उनके प्रति लोगों में सहानुभूति उपज रही है तो क्या देर सबेर यह पूर्व नौकरशाह कोई अलग रास्ता चुनने को मजबूर होगा ! आरसीपी भले ही कुछ नहीं बोल रहे,पर संकेत तो कुछ वैसे ही हैं।