गया इंटरनेशनल एयरपोर्ट से सटे नेशनल हाईवे पर कचरे का ढेर
गणादेश ब्यूरो
गया:एनएच 83 के ठीक सटे गया एयरपोर्ट के निकट कूड़े का ढेर दिख जाता है। बोधगया और गया को आने वाले पर्यटकों के साथ साथ इस मार्ग से गुजरने वाले यात्रियों के लिए भी यह दुखद एहसास है। नागर विमानन विभाग के मानकों के अनुसार एयरपोर्ट के निकट कूड़े कचड़ों के ढेर के कारण लैंडिंग के समय चील कौवों जैसे पक्षियों के टकराने का खतरा बना रहता है। साथ ही स्वच्छता और सुंदरता भी प्रभावित होती है। ताजा मामले में पटना एयरपोर्ट के दस किमी के दायरे को कूड़े के जमाव और निष्पादन से बाहर घोषित कर दिया गया है। लेकिन गया एयरपोर्ट को देखने वाला कोई नहीं है।
मगध विश्वविद्यालय से मिलिट्री छावनी के बीच राजमार्ग के दोनों तरफ दर्जनों छोटी बड़ी गाडियों के शोरूम हैं। विभिन्न कंपनियों के दफ्तर,निजी विद्यालय, होटल, सर्विस स़ेटर, दुकान, मकान, कोल्ड स्टोर, एसटीएफ मुख्यालय, बीएमपी वाहिनी मुख्यालय, होटल, रेस्टोरेंट, विवाह भवन, मंदिर, बैंक, बाजार, गैराज, स्टैंड सबकुछ है। केवल नहीं है तो वह है कूड़े का निष्पादन व प्रबंधन व्यवस्था। सभी प्रतिष्ठानों का कूड़ा सीधे राजमार्ग के बगल में डाल दिया जाता है। और तो और बाहरी राज्यों से आनेवाले मालवाहक ट्रक भी फल, मछली, सब्जी आदि उतारते तो हैं गया के थोक मंडी में लेकिन बचे और गंदे अवशेष 12 किमी दूल एयरपोर्ट के निकट गिराकर आराम से निकल जाते हैं। न कोई रोक टोक, न कोई चेतावनी वाली बोर्ड बैनर। सबकुछ ऐसे ही चल रहा है। हाल ही में नगर पंचायत से नगर परिषद बने बोधगया नगर निकाय का दायरा भी एयरपोर्ट के दक्षिणी किनारे तक हो गया है। लेकिन इसी मार्ग से बंद शीशे वाली एसी गाडियों में सरपट गुजर जाने वाले नगर परिषद के अधिकारी को और ना ही विधायक, सांसद और दूसरे अधिकारियों को यह सब दिखाई देता है। कहना मुनासिब होगा कि स्वच्छ भारत अभियान और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन बस केवल सरकारी फाईलों में ही दिखाई देते हैं।