07 मई रविवार का राशिफल एवम पंचांग
मेष:आज का दिन आपके लिए उर्जावान रहेगा। यात्रा – पर्यटन की योजना बनेगी कार्य क्षेत्र पर अधिक ध्यान रहेगा । नौकरों के ऊपर ज्यादा विश्वास न करें। वाणी में विनम्रता लाएँ व बेवजह कलह से बचें । संध्या का समय थकान वाला रहेगा कोई नापसंद कार्य भी करना पड़ सकता है। शारीरिक कमजोरी अनुभव कर सकते हैं । समय बठिया रहेगा इसलिए परिवार के साथ बिताएँ व मनोरंजन का लाभ उठाएँ।
वृष (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन कार्य क्षेत्र पर व्यस्तता रहेगी । अधिकांश कार्य अपने ही बलबूते करना पड़ेगा। सहकारी कार्य लेट-लतीफी के कारण अधूरे रहेंगे। स्वभाव से भी आज ढीलापन रहेगा। नयी योजनाओं को हाथ में लेने का मौका मिलेगा। संध्या के बाद आर्थिक विषयो में सफलता मिलेगी। यात्रा पर्यटन की योजना बनेगी। सर, अथवा कमर से निचले भाग में हल्का दर्द बनने की सम्भवना है। फिर भी भाग्य आपका साथ देगा व मन प्रसन्न रहेगा।
मिथुन (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
बेरोजगार व्यक्तियों को रोजगार मिलने की सम्भावना बनेगी। रोजगार के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयास आज फलीभूत होने से आर्थिक समस्याओं का समाधान होगा। सार्वजनिक क्षेत्र से शुभ समाचार मिलने की संभावना है। आज आपसे बहस में कोई नहीं जीत पायेगा लेकिन बड़बोलेपन से दूर रहें। दिन के उत्तरार्ध में कार्य भार बढ़न से थकान बन सकती है। पारिवारिक वातावरण मिला जुला रहेगा। यात्रा आज किसी न किसी रूप में लाभदायक सिद्ध होगी।
कर्क (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज आपके पास कार्यो की भरमार रहेगी। परिश्रम का उचित फल कम मिलेगा। संध्या के समय किसी परिचित के सहयोग से लाभ होने से खर्च निकल जाएंगे। लेकिन संध्या का समय शारीरिक रूप से सावधानी बरतने का है। परिवार के प्रति अधिक भावनात्मक बनेंगे। आध्यात्म में रूचि होने पर भी समय कम दे पाएंगे। व्यसनों से दूर रहें।
सिंह (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन भी अस्तव्यस्त रहने से मनोकामना अधूरी रह सकती है। सांसारिक गतिविधियों में व्यस्त रहने के कारण स्वयं की अनदेखी करनी पड़ेगी परन्तु इसके बदले धन लाभ होने से संतोष रहेगा। दोपहर बाद धर्म-कर्म में अधिक रुचि रहेगी धार्मिक कार्यक्रमो में उपस्थिति देंगे। घर के बुजुर्गो से नए अनुभव मिलेंगे। पत्नी संतान का सुख मिलेगा।
कन्या (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज दिन के पहले भाग में आपको परिश्रम के अनुसार फल कम मिलेगा। दिमाग में नए-नए विचार रहेगें । नई वस्तुओ की खरीददारी अथवा नये कार्य में निवेश आज ना करें। दोपहर के बाद स्थिति बेहतर होने लगेगी। धन की आमद बढेगी। थोक के व्यवसायी आज निवेश कर सकते है आगे लाभ होगा। परिवार में किसी के बीमार होने से धन का व्यय भी रहेगा परन्तु शांति भी रहेगी।
तुला (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज दिन का पहला भाग चिंतन में रह सकता है। आय की अपेक्षा खर्च अधिक रहेगा । महत्त्वपूर्ण कार्य को लेकर किसी से कर्ज लेना हो सकता है। परिजनों की सहानुभूति मानसिक कमजोरी दूर करेगी। धार्मिक गतिविधियों में रूचि बनेगी। अल्प धन लाभ होगा। मध्यान बाद स्थिति में सुधार आएगा । स्वास्थ्य लाभ होगा।
वृश्चिक (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन आंशिक शुभ रहेगा। सेहत में आज थोड़ी थकान रह सकती है। आर्थिक दृष्टिकोण से दिन लाभदायक रहेगा। थोड़े परिश्रम से आशा से अधिक मुनाफा कमा सकते है इसके लिए कुछ अधिक परिश्रम की आवश्यकता रहेगी। आज शेयर सट्टे में निवेश शीघ्र लाभ देगा। घरेलू सुख सामान्य से उत्तम रहेगा। आज कही सुनी बातों पर विश्वास ना करें।
धनु (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज के दिन भाग्य आपके साथ रहेगा। धार्मिक कार्यों में मन लगेगा। रूठने-मनाने में दिन का कुछ भाग व्यर्थ हो सकता है। कार्य क्षेत्र पर लाचारी न करें । आज किसी के आगे समर्पण ना करें थोड़ा परिस्थितियां अनुसार राहत मिलेगी। आज बाहरी व्यक्ति से मन के भेद प्रकट ना करें। सेहत मिलीजुली रहेगी।
मकर (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आर्थिक दृष्टिकोण से आज का दिन पिछले कुछ दिनों से बेहतर रहेगा। कार्य क्षेत्र से अतिरिक्त आय होगी। रुके हुए कार्य पूर्ण होने से भी धन के स्त्रोत्र बढ़ेंगे। सामाजिक गतिविधियों में समय कम दे पाएंगे। संध्या का समय पूर्वनियोजित रहेगा पर्यटन पार्टी की योजना बनाई जाएगी। उत्तम भोजन के साथ गृहस्थ का सुख मिलेगा। सेहत छोटी मोटी व्याधि को छोड़ सामान्य रहेगी।
कुंभ (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन मिला-जुला रहेगा। सेहत लगभग सामान्य रहेगी। आज कई दिनों से लटके किसी अनुबंध के आगे बढ़ने से धन लाभ की कामना रहेगी। लाभ के कई अवसर मिलेंगे । संध्या बाद आवश्यकता अनुसार धन की पूर्ति हो जाएगी। स्टेशनरी अथवा प्रिंटिंग के कार्य से जुड़े जातको को आकस्मिक नए अनुबंध मिल सकते है। परिवार के लिए आप कुछ नया करेंगे।
मीन (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आपका आज का दिन मिश्रित फलदायी रहेगा। दिन के पहले भाग में आर्थिक दृष्टिकोण से संतुष्टि रहेगी। कार्य क्षेत्र पर बिक्री बढने से धन की आमद होगी। व्यक्तित्व का भी विकास होने से सामाजिक छवि बेहतर बनेगी। घर में किसी विवाद को बढावा देने से बचें। सेहत में थोड़ा बहुत बदलाव आ सकता है। अतिआवश्यक कार्य दोपहर बाद करना हितकर रहेगा।ll ~ वैदिक पंचांग ~ll
दिनांक – 07 मई 2023
दिन – रविवार
विक्रम संवत – 2080
शक संवत -1945
अयन – उत्तरायण
ऋतु – ग्रीष्म ॠतु
मास – ज्येष्ठ
पक्ष – कृष्ण
तिथि – द्वितीया रात्रि 08:15 तक तत्पश्चात तृतीया
नक्षत्र – अनुराधा रात्रि 08:21 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा
योग – परिघ 08 मई रात्रि 02:53 तक तत्पश्चात शिव
राहुकाल – शाम 05:28 से शाम 07:06 तक
सूर्योदय-05:16
सूर्यास्त- 06:20
दिशाशूल- पश्चिम दिशा में
*व्रत पर्व विवरण –
*विशेष – द्वितीया को बृहती (छोटा बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)
रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)
स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।
शास्त्र अनुसार इस प्रकार गणपति का करे सुमिरन मिलेगा विशेष लाभ | कोई परेशानी हो तो बस इतना कर ले
विघ्नों और मुसीबते दूर करने के लिए
08 मई 2023 सोमवार को संकष्ट चतुर्थी (चन्द्रोदय रात्रि 10:07)
शिव पुराण में आता हैं कि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी ( पूनम के बाद की ) के दिन सुबह में गणपतिजी का पूजन करें और रात को चन्द्रमा में गणपतिजी की भावना करके अर्घ्य दें और ये मंत्र बोलें :
ॐ गं गणपते नमः ।
ॐ सोमाय नमः ।
चतुर्थी तिथि विशेष
चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान गणेशजी हैं।
हिन्दू कैलेण्डर में प्रत्येक मास में दो चतुर्थी होती हैं।
पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्ट चतुर्थी कहते हैं।अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं।
शिवपुराण के अनुसार “महागणपतेः पूजा चतुर्थ्यां कृष्णपक्षके। पक्षपापक्षयकरी पक्षभोगफलप्रदा ॥
“ अर्थात प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को की हुई महागणपति की पूजा एक पक्ष के पापों का नाश करनेवाली और एक पक्षतक उत्तम भोगरूपी फल देनेवाली होती है ।
कोई कष्ट हो तो
हमारे जीवन में बहुत समस्याएँ आती रहती हैं, मिटती नहीं हैं ।, कभी कोई कष्ट, कभी कोई समस्या | ऐसे लोग शिवपुराण में बताया हुआ एक प्रयोग कर सकते हैं कि, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (मतलब पुर्णिमा के बाद की चतुर्थी ) आती है | उस दिन सुबह छः मंत्र बोलते हुये गणपतिजी को प्रणाम करें कि हमारे घर में ये बार-बार कष्ट और समस्याएं आ रही हैं वो नष्ट हों |

