कांग्रेस और झामुमो के दबाव में बिहार विधानसभा से झारखंड अलग राज्य विधेयक पारित किया गया: केशव महतो कमलेश
रांची: झारखंड के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जानकारी रखनी चाहिए। उन्हें अलग राज्य के लिए हुए संघर्ष की कहानी याद नहीं की कितने लोगों की कुर्बानियों के बाद यह झारखंड राज्य अलग हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लगाये गये आरोप के जवाब में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि झारखंड राज्य के गठन के लिए कांग्रेस के 13 मंत्रियों ने तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के इशारे पर अपना पद त्याग कर झारखंड निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी। कांग्रेस और झामुमो के दबाव में बिहार विधानसभा से झारखंड अलग राज्य विधेयक पारित किया गया जिसके फलस्वरुप झारखंड निर्माण का रास्ता साफ हुआ। लोकसभा मे राज्य गठन विधेयक को पूर्ण समर्थन देते हुए राज्यसभा में बहुमत वाली कांग्रेस ने विधेयक को पारित कराने का काम किया था।
उन्होंने कहा कि झारखंड में आकर ही उन्हें आदिवासी हितों की याद आती है। झारखंड विधानसभा से सरना धर्म कोड पारित कराया गया है परंतु प्रधानमंत्री मोदी ने उसे ठंढे बस्ते में डाल दिया है। नई संसद भवन का उद्घाटन हो या राम मंदिर के उद्घाटन समारोह का मामला हो आदिवासी महिला राष्ट्रपति का अपमान मोदी जी ने समय-समय पर किया है।
भ्रष्टाचार पर बात करने से पहले मोदी जी को विगत लोकसभा चुनाव परिणाम का आकलन करना चाहिए। इलेक्ट्रोल बांड के जरिए देश की अनेको कंपनियों से भाजपा के चंदा उगाही का सच जनता से छुपा हुआ नहीं है और उन कंपनियों को किस तरह से लाभ पहुंचाया गया यह भी छुपा नहीं है।
झारखंड में भाजपा के शासनकाल में पिछड़ों का आरक्षण 27% से 14 प्रतिशत कर दिया गया था महागठबंधन की सरकार ने इसे बढ़ाकर 27% करने का विधेयक पास कर मंजूरी के लिए भेज दिया है परंतु मोदी जी के इशारे पर इसे एक कोने में रख दिया गया है।
उन्होंने कहा कि अपने 10 वर्षों के शासनकाल में मोदी जी ने देश के युवाओं से रोजगार छिनने का काम किया है। झारखंड में महागठबंधन की सरकार जब से आई है, इसे अपदस्थ करने का षड्यंत्र रचा जाता रहा है। मोदी जी ने अपने शासनकाल में उद्योगपतियों का ऋण माफ किया उन्हें लाभ पहुंचाया,झारखंड की महागठबंधन सरकार किसानों का ऋण माफ कर रही है,आम जनता का बिजली बिल माफ कर रही है,मुफ्त बिजली उपलब्ध करा रही है,युवाओं को रोजगार के अवसर दे रही है, महिलाओं को मईंया सम्मान योजना के तहत सम्मान राशि दे रही है,छात्राओ को सावित्रीबाई फुले योजना के तहत लाभ पहुंचा रही है, ऐसे अनेकों सैकड़ो काम है जो झारखंड में महागठबंधन की सरकार के दौरान हुए हैं और अभी भी हो रहे हैं। झारखंड में आधारभूत संरचना में तेजी से विकास हुआ है जिसका गवाह केंद्र सरकार द्वारा जारी आंकड़े हैं है।
सत्ता के मोह ने प्रधानमंत्री की आंखों पर लालच का पट्टी बांध दिया है इसके लिए घुसपैठ पर विफल अपने गृह मंत्री से सवाल पूछने की बजाय झारखंड सरकार पर उंगली उठा रहे हैं। देश की सीमाओं की रक्षा का भार केंद्र सरकार पर पूरी तरह से होता है अगर सीमापार से घुसपैठ होता है तो इसके लिए पूरी तरह से केंद्र जिम्मेवार होती है।