मोरहबादी मैदान में दो दिवसीय राष्ट्रीय जतरा महोत्सव का आगाज
रांचीः मोरहबादी मैदान में दो दिवसीय राष्ट्रीय जतरा महोत्सव का आगाज शुक्रवार को हुआ। हातमा मौजा के प्रमुख पाहन जगलाल पाहन, मुकेश मुंडा, महादेव मुंडा ने संयुक्त रूप से जतरा का आदिवासी रूढ़िवादी परंपरा के तहत पूजा पाठ कर विधिवत शुरुआत की। राष्ट्रीय जतरा महोत्सव समिति आयोजन के तत्वावधान में आयोजित इस महोत्सव में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। महोत्सव में 24 जिले से 33 अनुसूचित जनजाति समुदाय के विभिन्न संगठनों के नेतृत्व में खोडहा दल का आना शुरू हुआ है। इस दौरान मोरहाबादी मैदान में आदिवासी संस्कृति, परंपरा की झलक दिखी।
इस महोत्सव में झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, आसाम और बिहार और के आदिवासी समुदायों के पारंपरिक भोजन, कला, संस्कृति, साहित्य और हस्तशिल्प का प्रदर्शन किया गया है। महोत्सव में खाने के भी स्टाॅल लगाये गये है, जहां आदिवासी व्यंजनों का आनंद लोगों ने उठाया। बच्चों ने भी जमकर मस्ती की।
महोत्सव के अध्यक्ष नरेश पाहन ने बताया कि राजधानी रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान राष्ट्रीय जतरा महोत्सव आदिवासी परंपरा के रंग में रंगी हुई है। पहले दिन हजारों लोगों ने महोत्सव में शिरकत की। उन्होंने बताया कि महोत्सव का मुख्य उद्देश्य आदिवासी समाज के संस्कृत, भाषा, कल्चर, व्यंजन, वाद्ययंत्रों ईत्यादि को बचाना अत्यंत जरूरी है। अनुसूचित जाति के खानपान और उनके परंपराओं को अन्य समुदाय के लोगों के बीच में पहुंचना भी हमारा मकसद है। महोत्सव का समापन एक फरवरी शनिवार को होगा। आयोजन को सफल बनाने में प्रेस वार्ता में अध्यक्ष नरेश पहान, कार्यकारी अध्यक्ष अर्जुन मुंडा, रवि मुंडा, कोषाध्यक्ष सूरज टोप्पो, विक्की करमाली, संरक्षक सोनू खलको, मीडिया प्रभारी निरंजन भारती, महासचिव ज्योत्सना करकेटा, अनिल उरांव, राधा हेंब्रम, उपाध्यक्ष अमित मुंडा, मिथिलेश कुमार, राकेश मुंडा, अमित तिर्की, अशोक मुंडा, कोषाध्यक्ष विक्की करमाली, मोहन तिर्की, सचिव अरुण पहान, सलाहकार मानसिंह मुंडा, दीप्तराज बेदीया,सहसचिव दीपक मुंडा, सह कोषाध्यक्ष सुरेश मिर्धा, रिकी नायक, मीडिया प्रभारी विनय नायक, सदस्य शीतल तिर्की आदि लगे हुए है।
े दिवसीय राष्ट्रीय जतरा महोत्सव का आगाज शुक्रवार को हुआ। हातमा मौजा के प्रमुख पाहन जगलाल पाहन, मुकेश मुंडा, महादेव मुंडा ने संयुक्त रूप से जतरा का आदिवासी रूढ़िवादी परंपरा के तहत पूजा पाठ कर विधिवत शुरुआत की। राष्ट्रीय जतरा महोत्सव समिति आयोजन के तत्वावधान में आयोजित इस महोत्सव में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। महोत्सव में 24 जिले से 33 अनुसूचित जनजाति समुदाय के विभिन्न संगठनों के नेतृत्व में खोडहा दल का आना शुरू हुआ है। इस दौरान मोरहाबादी मैदान में आदिवासी संस्कृति, परंपरा की झलक दिखी।
इस महोत्सव में झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, आसाम और बिहार और के आदिवासी समुदायों के पारंपरिक भोजन, कला, संस्कृति, साहित्य और हस्तशिल्प का प्रदर्शन किया गया है। महोत्सव में खाने के भी स्टाॅल लगाये गये है, जहां आदिवासी व्यंजनों का आनंद लोगों ने उठाया। बच्चों ने भी जमकर मस्ती की।
महोत्सव के अध्यक्ष नरेश पाहन ने बताया कि राजधानी रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान राष्ट्रीय जतरा महोत्सव आदिवासी परंपरा के रंग में रंगी हुई है। पहले दिन हजारों लोगों ने महोत्सव में शिरकत की। उन्होंने बताया कि महोत्सव का मुख्य उद्देश्य आदिवासी समाज के संस्कृत, भाषा, कल्चर, व्यंजन, वाद्ययंत्रों ईत्यादि को बचाना अत्यंत जरूरी है। अनुसूचित जाति के खानपान और उनके परंपराओं को अन्य समुदाय के लोगों के बीच में पहुंचना भी हमारा मकसद है। महोत्सव का समापन एक फरवरी शनिवार को होगा। आयोजन को सफल बनाने में अध्यक्ष नरेश पहान, कार्यकारी अध्यक्ष अर्जुन मुंडा, रवि मुंडा, कोषाध्यक्ष सूरज टोप्पो, विक्की करमाली, मीडिया प्रभारी निरंजन भारती, महासचिव ज्योत्सना करकेटा, अनिल उरांव, राधा हेंब्रम, उपाध्यक्ष अमित मुंडा, मिथिलेश कुमार, राकेश मुंडा, अमित तिर्की, अशोक मुंडा, कोषाध्यक्ष विक्की करमाली, मोहन तिर्की, सचिव अरुण पहान, सलाहकार मानसिंह मुंडा, दीप्तराज बेदीया,सहसचिव दीपक मुंडा,सह कोषाध्यक्ष सुरेश मिर्धा, रिकी नायक, मीडिया प्रभारी विनय नायक, सदस्य शीतल तिर्की आदि लगे हुए है।