इस विधेयक से जेल प्रणाली का बोझ कम होगा : बैद्यनाथ राम
रांची: झारखंड विधानसभा मानसून सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को सदन में चार विधेयक पारित हो गया। जिसमे झारखंड कारा एवम सुधारात्मक सेवाएं विधेयक2024, झारखंड अग्निशमन सेवा विधेयक 2024,झारखंड खनिज धारित भूमि उपकर विधेयक 2024 और झारखंड निजी विश्वविद्यालय विधेयक 2024 शामिल हैं। प्रभारी मंत्री बैद्यनाथ राम ने झारखंड अग्निशमन सेवा विधेयक 2024 को सदन में रखा। इस पर लंबोदर महतो ने विधेयक को प्रवर समिति में भेजने का आग्रह किया। कहा कि एक दिन पहले ही विधेयक की कॉपी मिली है। इसका अध्ययन नहीं कर पाये हैं। राज्य में अग्निशमन की भयावह स्थिति है। अनुमंडल तक ही दमकल रहता है। प्रखंड तक पहुंचते-पहुंचते सब कुछ जलकर खाक हो जाता है। इसे और अधिक जनोपयोगी बनाना चाहिए था। इस पर प्रभारी मंत्री ने कहा कि वर्तमान और भविष्य की चुनौती को देखते हुए यह विधेयक लाया गया है। वहीं कारा एवं सुधारात्मक सेवाएं विधेयक पर विधायक लंबोदर महतो और विनोद सिंह ने प्रवर समिति को भेजने का आग्रह किया। लंबोदर महतो ने कहा कि इस विधेयक के जरिए कारा में सुधार के लिए किन प्रावधानों को किया गया है, इसे बताना चाहिए। ओपेन कारा का प्रावधान है या नहीं। इसकी भी जानकारी दी जानी चाहिए। विनोद सिंह ने कहा कि कारा में और भी सुधार की जरूरत है। कैदी बीमार भी न हों तो वे बड़े-बड़े हॉस्पिटल की सेवाओं में रहते हैं। विचाराधीन कैदियों के परिजनों की मुलाकात काफी मुश्किल हो जाती है। कारा में सुसाइड की घटनाएं बढ़ी हैं। राज्य के जेलों में दो तिहाई कैदी विचाराधीन हैं। इस पर प्रभारी मंत्री ने कहा कि इस विधेयक से जेल प्रणाली का बोझ कम होगा। कैदियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा का प्रावधान किया गया है। रिहाई के बाद कैदियों को समाज में प्रवेश करने में सहायता की जायेगी। अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार के मानकों का पालन किया गया है।
उनमें अन्य उद्देश्यों के लिए राशि खर्च का प्रावधान किया गया है। राज्यहित में यह अत्यंत ही महत्वपूर्ण विधेयक है। मंत्री चंपाई सोरेन ने सदन में झारखंड निजी विश्वविद्यालय विधेयक 2024 रखा। इस पर लंबोदर महतो ने कहा कि इस विधेयक में यूजीसी गाइडलाइन के विपरीत प्रावधान किया गया है। जांच समिति को पूरी तरह से आॅटोनॉमस बना दिया गया है। उच्च शिक्षा के लिए यह जहर की पुड़िया है। 10 करोड़ की सिक्योरिटी मनी का प्रावधान किया जाना राज्यहित में नहीं है। निजी विश्वविद्यालय में सरकार की कोई भूमिका नहीं होती है। सारी चीज प्राइवेट यूनिवर्सिटी ही करता है, तो सरकार प्राइवेट यूनिवर्सिटी में कुलपति की नियुक्ति क्यों करेगी। इस पर मंत्री ने कहा कि विधेयक में सर्च कमेटी के द्वारा कुलपति नियुक्ति का प्रावधान किया गया है। विनोद सिंह ने कहा कि पांच एकड़ में विश्वविद्यालय तो नहीं बल्कि कोचिंग संस्थान ही चल सकता है।