G20 सम्मिट के लिए विदेशी डेलिगेट्स का पतरातू में आना क्षेत्र के उत्थान और इसकी गौरवगाथा की बनेगी गवाह : डॉक्टर अरुण
पतरातू

रामगढ़:3 मार्च को g20 सम्मिट के लिए विदेशो से आ रहे डेलिगेट्स का पतरातू में आना इस की गौरव गाथा और विकास के पथ की गवाह बनेगी पतरातू की धरती। उक्त बातें पतरातू के जाने-माने चिकित्सक एवं पर्यावरणविद् डॉ अरुण ने कही। उन्होंने आगे कहा कि इतने बड़े इवेंट की हमारा भारतवर्ष अध्यक्षता कर रही है और उसका एक इवेंट पतरातू की धरती पर होना हम पतरातू वासियों के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि इस तरह के इवेंट्स होने से क्षेत्र के चहुमुखी विकास होने की पूर्ण आशा होती है। पतरातू ऐसे भी पर्यटन के क्षेत्र के लिए जाना जाता है और इस इवेंट के बाद सारी दुनिया में पतरातू की एक अलग पहचान होगी। 3 मार्च को सारी दुनिया पतरातू की धरती को भी देखेगी। आगे भी इस तरह के इवेंट को यहां ऑर्गेनाइज किया जाना चाहिए। उन्होंने अपनी बातों को जोर देते हुए कहा कि g20 सम्मिट के बाद पतरातू घाटी की जो सुंदरीकरण की गई है जो रंग रोगन किया गया है उसमें सड़क सुरक्षा के स्लोगन जरूर लिखे जाएं ताकि सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम हो सके साथ ही हम पतरातू वासियों की यह् जिम्मेवारी बनती है कि क्षेत्र के विकास में हम भी बढ़ चढ़कर अपना योगदान दें। वही स्ट्रक्चर कंस्ट्रक्शन विभाग जिन्हें टेंडर दिया गया है कि आने वाले आगंतुकों के सामने झारखंड तथा पतरातु को बेहतरीन ढंग से प्रस्तुत किया जाए उन्होंने कहा कि हम अपनी झारखंड की खूबसूरती यहां की नेचुरल ब्यूटी और झारखंड में व्यापार तथा अन्य संसाधनों की संभावनाओं को विदेशों से आए डेलिगेट्स के सामने बेहतरीन ढंग से रख सकें। झारखंड के कल्चर को दिखाने के लिए यहां 20 तरह के स्टाल लगाए गए हैं। आपको बता दें कि पतरातू की धरती g20 सम्मिट को लेकर पूरी तरह सज-धज कर तैयार है। आने वाले विदेशी मेहमानों को रिझाने के लिए हर तरह की तैयारियों पर जोर दिया जा रहा है। झारखंड की कला एवं संस्कृति को स्टॉल एवं पोस्टर के माध्यम से आगंतुकों के बीच रखा जाना है। यहां की संप्रभुता एवं संस्कृति को इन डेलीगेट्स के समक्ष प्रदर्शन करने की तैयारियों को अमली-जामा पहनाया जा रहा है।

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