तीसरी बार भी पूछताछ में नहीं आए तेजस्वी, CBI कर रही कानूनी कार्रवाई पर विचार
नई दिल्ली : जमीन के बदले नौकरी घोटाले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बड़े पुत्र व बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव तीसरी बार नोटिस के बावजूद पूछताछ के लिए CBI के पास नहीं पहुंचे। CBI इसे जांच में असहयोग के रूप में देख रही है और उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए कानूनी राय ले रही है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार सोमवार को CBI ने तीसरी बार नोटिस भेजकर तेजस्वी यादव को पूछताच के लिए बुलाया था। उन्हें मंगलवार को एजेंसी मुख्यालय में पूछताछ के लिए हाजिर होना था। लेकिन वह तीसरी बार भी नहीं आए।
इसके पहले CBI ने तेजस्वी यादव को 4 मार्च और फिर 11 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया था। लेकिन व्यस्तता का हवाला देकर उन्होंने आने में असमर्थता जताई थी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बार-बार समन के बावजूद पूछताछ के लिए नहीं आना जांच में सीधे-सीधे असहयोग को दिखाता है। उनके अनुसार ऐसे में एजेंसी उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकती है, जिसमें उनकी गिरफ्तारी भी शामिल है।
इस मुद्दे की राजनीतिक संवेदनशीलता को देखते हुए CBI कोई भी कदम उठाने के पहले विधि विशेषज्ञों से कानूनी राय ले रही है। इसके तहत तेजस्वी के असहयोग का हवाला देते हुए अदालत से उन्हें पूछताछ के लिए CBI के सामने उपस्थित होने के निर्देश देने का अनुरोध भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कानूनी सलाह-मश्विरे के बाद एजेंसी जल्द ही उचित कदम उठाएगी।
600 करोड़ की मनी लांड्रिंग के ठोस सबूत मिलने का दावा
बता दें कि जमीन के बदले नौकरी घोटाले में मनी लांड्रिंग की जांच ईडी भी कर रही है। शनिवार को ईडी ने इस सिलसिले में 24 स्थानों पर छापा मारकर नकदी, जेवरात के साथ-साथ बेनामी संपत्ति से जुड़े दस्तावेज बड़ी संख्या में बरामद होने का दावा किया था। इसके साथ ही ईडी ने घोटाले में अभी तक 600 करोड़ रुपये की मनी लांड्रिंग के ठोस सबूत मिलने का दावा भी किया था।