संविधान दिवस की पूर्व संध्या पर छात्र जदयू ने गोष्ठी का किया आयोजन
रांची: न पुराण, न कुरान/ सबसे बड़ा संविधान” , इस नारे को बुलंद करते हुए और उपस्थित छात्र समूह के बीच संविधान की ‘प्रस्तावना’ की प्रति बाँटते हुए झारखण्ड जद यू के प्रदेश प्रभारी डॉ विनय भरत ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना संविधान की “गाइडिंग प्रिंसिपुल” है। जो सिर्फ प्रस्तावना के ” हम ,भारत के लोग,” को समझ ले , उसके हाथ में देश को एक सूत्र में बांधने की कुंजी मिल जाती है।”
संविधान दिवस की पूर्व संध्या पर मोरहाबादी स्थित बापू वाटिका में उपस्थित छात्र जद यू की विचार गोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता वे सम्बोधित कर रहे थे।
इस मौके पर छात्र जद यू के प्रदेश अध्यक्ष रंजन कुमार ने कहा कि “संविधान से ही भारत देश है और उन्होंने विभिन्न मौलिक आधिकारों और मौलिक कर्तव्यों के बारे में विस्तार से बताया। अनुच्छेद 21 के “जीने का अधिकार” सभी मौलिक अधिकारों में आधार स्तम्भ है ,वहीं अनुच्छेद 51 (अ) के तहत देश में वैज्ञानिक दृष्टिकोण पैदा करना मौलिक कर्तव्यों में सबसे बड़ा कर्तव्य है।
प्रदेश प्रवक्ता डॉ मुकेश यादव ने कहा कि ” संविधान ने ही हमें बोलने का अधिकार दिया है।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से रांची जिला अध्यक्ष शमी अहमद, डीएसपीएमयू अध्यक्षा तन्वी बरदियार, प्रिया कुमारी ,विकास कुमार सिंह, अनीश कुमार, अनुज कुमार,दीपशिखा बारला,अनिमा लकड़ा,शिवानी कुमारी, स्वेता सुमन उरांव, अनामिका सोरेन, पूजा कुमारी,अमित कुमार टोप्पो, शुभम कच्छप,अभिषेक उरांव, मंथन रुंडा, आदि उपस्थित थे और सभी ने अपने विचार साझा किया।
कार्यक्रम का अंत संविधान की प्रस्तावना के सामूहिक पाठ से हुआ।