व्यवसायियों व किसानों के दोहन शोषण पर उतर आई राज्य सरकार : संजय सेठ
रांची : झारखंड में कृषि बाजार शुल्क को पुनः प्रभावी होने के मामले में रांची के सांसद संजय सेठ ने कड़ा विरोध जताया। सांसद ने कहा है कि कृषि बाजार शुल्क को पुनः लागू करना राज्य के किसानों, व्यवसायवर्ग व उपभोक्ताओं के साथ एक तरह ज्यादती होगी। इससे भ्रष्टाचार बढ़ेगा और व्यापारियों का दोहन शोषण भी होगा। श्री सेठ ने कहा कि जिस भ्रष्टाचार को रोकने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास जी ने इसे समाप्त किया था और व्यापारियों, किसानों और नागरिकों को राहत देने का काम किया था। उससे पूर्व ग्रामीण क्षेत्र के छोटे-छोटे किसान जो 1-2 टोकरी उत्पाद और फसल लेकर भी बेचने आते थे, उन पर भी टैक्स लगाया जाता था। उनका दोहन किया जाता था और आज फिर यह सरकार उसे लागू करके पुनः भ्रष्टाचार की व्यवस्था को आगे बढ़ाना चाह रही है।
श्री सेठ ने कहा कि अपने प्रारंभ के कार्यकाल से ही यह सरकार जो खुद को झारखंडी सरकार कहती है, यह व्यवसायियों के दोहन और शोषण पर लगी हुई है। कृषि बाजार टैक्स लागू किए जाने से राज्य के व्यवसायियों, किसानों के समक्ष बड़ा संकट उत्पन्न होगा। यह पूरी तरह से अप्रासंगिक विधेयक है। भले ही से लागू करने वालों को मालूम नहीं, परंतु इससे महंगाई और बेलगाम होगी। खाद्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि होगी। इसकी सीधी मार आम उपभोक्ताओं और किसानों पर पड़ेगी। किसानों की परेशानियां बढ़ेंगी। ऐसे ही इस राज्य के व्यापारी और किसान कई संकटों का सामना कर रहे हैं। ऐसे में यदि सरकार ने इस पर विचार नहीं किया तो यह बहुत बड़ा अन्याय होगा। भ्रष्टाचार को संरक्षण और पोषण देने वाला होगा।
सांसद श्री संजय सेठ ने कहा कि सरकार को अविलंब इस फैसले को वापस लेना चाहिए ताकि राज्य में व्यवसायिक गतिविधियां आराम से चल सके। किसान अपने काम आराम से कर सकें और सबसे बड़ी बात कि राज्य सरकार को इस तरफ ज्यादा ध्यान देना चाहिए, जहां व्यापारियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो। राज्य की जनता की सुरक्षा सुनिश्चित हो ताकि इन्हें सुरक्षित वातावरण में बेहतर व्यवसाय करने का अवसर मिले।