कुख्यात अपराधी सनोज उर्फ गुरुदेव मंडल उर्फ फूफा जी एनकाउंटर में ढेर, छह अपराधी फरार

भागलपुर। जिले के गंगा पार नवगछिया के रंगरा थाना क्षेत्र अंतर्गत मुरली सोनैया धार के पास शुक्रवार देर रात एसटीएफ और जिला पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में कुख्यात अपराधी सनोज उर्फ गुरुदेव मंडल उर्फ फूफा जी को मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया। इस दौरान उसके छह अन्य सहयोगी अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से फरार हो गए।घटना के तुरंत बाद नवगछिया एसपी प्रेरणा कुमार, एसडीपीओ ओम प्रकाश और सर्किल इंस्पेक्टर बृजेश कुमार मौके पर पहुंचे। एफएसएल की टीम को बुलाया गया। पोस्टमॉर्टम की वीडियोग्राफी, खोखे की बरामदगी और फरार अपराधियों की तलाश, सभी प्रक्रियाएं नियमानुसार चलीं। बताया जा रहा है कि कुख्यात गुरुदेव मंडल पूर्णिया जिले के धमदाहा थाना क्षेत्र के हरिनकोल निवासी दशरथ मंडल का पुत्र था। सनोज उर्फ गुरुदेव 15 कांडों में फरार चल रहा था। जिला पुलिस की ओर से 25 हज़ार का इनाम उसपर था। मौके से कुछ खोखे, एक कार्बाइन और एक कट्टा पुलिस ने बरामद किया है।

  नवगछिया एसपी प्रेरणा कुमार के मुताबिक, पुलिस और एसटीएफ को गुप्त सूचना मिली थी कि गुरुदेव अपने गिरोह के साथ किसी बड़ी आपराधिक वारदात को अंजाम देने की फिराक में है। सूचना के आधार पर रंगरा पुलिस और एसटीएफ की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मुरली सोनैया धार के समीप अपराधियों के ठिकाने को चारों ओर से घेर लिया।बताया गया कि घेराबंदी के दौरान जब गुरुदेव मंडल ने खुद को घिरा पाया तो उसने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोलीबारी की, जिसमें गुरुदेव को एक गोली पैर में और दूसरी सीने में लगी। उसे घायल अवस्था में ही नवगछिया अनुमंडल अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वह घटनास्थल पर ही ढेर हो गया। वहीं, उसके छह सहयोगी अपराधी अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे।

गुरुदेव मंडल उर्फ फूफा आतंक का पर्याय :

गुरुदेव मंडल, तीन जिलों में लूट, हत्या, रंगदारी और पुलिस पर हमले जैसे गंभीर आरोपों में वांछित था। वह ‘फूफा गैंग’ का सरगना था, जिसने पूर्णिया, कटिहार और नवगछिया को अपराधों की प्रयोगशाला बना रखा था। वर्ष 2022 में एक ट्रक लूट कांड में ड्राइवर की हत्या और 3 जून 2022 को एसडीपीओ पर की गई फायरिंग, उसकी हिम्मत और दुस्साहस का उदाहरण थी। उस पर धमदाहा थाना में 2017 में लूट का मामला दर्ज है, वहीं कटिहार के फलका थाना में भी दो मामले लूटपाट से जुड़े दर्ज हैं। गिरोह के खिलाफ लगातार कांबिंग अभियान चलाया जा रहा था। इसी दौरान यह मुठभेड़ हुई। पुलिस के अनुसार गुरुदेव मंडल कोसी पार दियारा क्षेत्र में काफी सक्रिय था और फसल लूट की घटनाओं के लिए कुख्यात रहा है। वह लगातार पुलिस के रडार पर था।
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एसटीएफ, विशेष बल, विशेष मिशन :

बिहार पुलिस की यह विशेष इकाई तकनीकी दक्षता, खुफिया विश्लेषण, और फील्ड ऑपरेशन में पारंगत है। चाहे नक्सल विरोधी अभियान हो, अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश, या सोशल मीडिया के जरिये अपराध करने वाले हाईटेक अपराधी। एसटीएफ हर स्तर पर सक्रिय है। OSINT, CDR/IPDR, GEO-FENCING जैसे तकनीकी उपकरणों का प्रयोग कर अपराधियों का स्थान चिन्हित किया जाता है। फिर फील्ड ऑपरेशन यूनिट पूरी योजना और हथियारबंद बल के साथ मौके पर पहुंचती है। कमांड और कंट्रोल सिस्टम के जरिये रीयल टाइम मॉनिटरिंग की जाती है।

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