मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत 7877 नये लाभुकों का चयन
पटना मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के अन्तर्गत प्राप्त हुए 2,23,863 आवेदनों में से कम्प्युटरीकृत रेंडमनाइजेशन पद्धति से कैटेगरी-ए में 5 हजार, कैटेगरी-बी में 2 हजार और कैटैगरी-सी में सभी 877 आवेदकों का चयन किया गया। इस अवसर पर उद्योग विभाग के प्रधान सचिव संदीप पौण्डरीक ने बताया कि कैटेगरी-1 में कुल 201204 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें अनुसूचित जाति/जनजाति संवर्ग में 43984, अति पिछड़ा वर्ग में 57,867 युवा उद्यमी संवर्ग में 60,973 और महिला उद्यमी संवर्ग में 38,380 आवेदन प्राप्त हुए। कैटेगरी-बी में कुल 21,782 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें अनुसूचित जाति/जनजाति संवर्ग में 4,735, अति पिछड़ा वर्ग में 5,790, युवा उद्यमी संवर्ग में 6,243 और महिला उद्यमी संवर्ग में 5,014 आवेदन प्राप्त हुए। इन आवेदनों में से नये लाभुकों का चयन किया गया।
इस अवसर पर उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने कहा कि चयन की पूरी प्रक्रिया को अल्प समय में पारदर्शी तरीके से पूर्ण किया गया है, जिसके लिए प्रधान सचिव संदीप पौण्डरीक और निदेशक, तकनीकी विकास संजीव कुमार बधाई के पात्र हैं। यह प्रक्रिया एन.आई.सी. के सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हुए पूर्ण किया गया है। उन्होंने कहा कि 01 दिसम्बर से 31 दिसम्बर 2022 तक मुख्यमंत्री उद्यमी योजना का पोर्टल खोला गया था और 01 जनवरी 2023 को रविवार का अवकाश था। इस तरह मात्र 24 घंटे में ही तकनीकी प्रक्रिया पूरी की गई। उद्योगों की स्थापना के लिए हम हर काम ऐसे ही तेजी से कर रहे हैं। हम विश्वास के साथ आगे बढ़ रहे हैं। नये उद्यमियों से उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने अपील की कि पूरी मेहनत और ईमानदारी से उद्योगों की स्थापना करें, अपने लिए रोजी-रोजगार की व्यवस्था करें और परिवार एवं समाज के लोगों को भी रोजगार दें। हर जिले में सैकड़ों उद्यमी होंगे। उद्योग विभाग द्वारा सभी की हैण्डहोल्डिंग की जाएगी। बैंकों को भी विश्वास में भी लिया जाएगा कि उद्योग के लिए ज्यादा से ज्यादा ऋण दें। बिहार के लोग पहले रोजगार करने के लिए बाहर जाते थे। अब बिहार में ही रह कर सभी रोजगार करें और दूसरों को भी रोजगार दें। उन्होंने कहा कि बिहार में उद्यमियों के विकास का पूरा अवसर है।
इस अवसर पर तकनीकी विकास निदेशक संजीव कुमार ने मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के बारे में पूरी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य में उद्यमिता के विस्तार तथा स्वरोजगार की भावना के विकास के लिए वित्तीय वर्ष 2018-19 में मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति उद्यमी योजना प्रारंभ की गयी है जिसके तहत चयनित लाभार्थियों को 10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता का प्रावधान किया गया। इसमें 5 लाख रुपये अनुदान और 5 लाख रुपये ब्याज रहित ऋण के रूप में है। पात्रता के लिए निर्धारित आयु सीमा 18 से 50 वर्ष है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में समान प्रावधानों के साथ मुख्यमंत्री अति पिछड़ा वर्ग उद्यमी योजना प्रारंभ किया गया। सात निश्चय- 02 के तहत वित्तीय वर्ष 2021-22 से मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना तथा मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना लागू की गई। महिला उद्यमी योजना में ट्रांस जेन्डरों को भी शामिल किया गया। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना में दिये जाने वाले ऋण पर एक प्रतिशत के ब्याज के प्रावधान किया गया। चयनित लाभार्थियों को कुल परियोजना लागत का भुगतान तीन चरणों में – 4 लाख, 4 लाख और 2 लाख किया जाता है। चयनित योग्य आवेदकों के कागजातों और कार्यस्थल की जाँच जिला स्तर पर की जाती है। मुख्यमंत्री योजना के अन्तर्गत लाभुकों के चयन हेतु जिलावार संख्या निर्धारित है। सबसे अधिक 381 लाभुक पटना जिला से और सबसे कम 45 लाभुक शिवहर जिला के लिए निर्धारित है।
वित्तीय वर्ष 2021-22 में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत चयनित किये गये 15,986 लाभुकों में से 15101 को प्रशिक्षण दिया गया और उन्हें प्रथम किस्त की राशि प्रदान की गई। 6447 लाभुकों को द्वितीय किस्त और 955 लाभुकों को तृतीय किस्त प्रदान किया गया। इस योजना के तहत 860 करोड़ से अधिक की राशि लाभुकों को दी जा चुकी है। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत 8000 नये लाभुकों के चयन हेतु मुख्यमंत्री उद्यमी योजना का पोर्टल 01 दिसम्बर 2022 को खोला गया और 31 दिसम्बर 2022 तक 2 लाख 23 हजार लोगों ने आवेदन किया। 8 हजार लाभुकों में से 5 हजार लाभुक निर्धारित 51 ट्रेड में से किसी एक उद्योग की स्थापना अपनी जमीन पर कर सकेंगे। 2 हजार लाभुकों का चयन टेक्सटाईल, लेदर और खाद्य प्रसंस्करण प्रक्षेत्र से किया गया है। 1 हजार ऐसे लाभुकों हेतु प्रावधान किया गया जिन्होंने बियाडा के द्वारा आवंटित शेड में टेक्सटाईल और लेदर उद्योग लगाने की योजना बनायी है। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना से जीविका के दीदीयों को जोड़ा गया और बैग कलस्टर की शुरूआत के लिए 39 जीविका दीदीयों को मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना के तहत 10-10 लाख रुपये की सहायता दी गई, जिसका उपयोग करते हुए उन्होंने मुजफ्फरपुर और फतुहा में बैग उत्पादन के लिए नई इकाइयों की स्थापना की गई। हर इकाई में लगभग 40 व्यक्तियों को रोजगार मिला।
मौके पर बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी दिलीप कुमार, उप निदेशक तकनीकी विकास नागेन्द्र शर्मा, चन्द्रगुप्त प्रबंधन संस्थान के निदेशक डॉ॰ राणा सिंह, विकास प्रबंधन संस्थान के डॉ॰ एस॰ राजेश्वरन, एल.एन. मिश्रा इन्स्टीच्यूट की रीतू नारायणन, बिहार उद्योग संघ के सचिव अनिल कुमार सिन्हा, कन्फेडेरेशन ऑफ इंडियन इन्डस्ट्रीज के प्रतिनिधि सुदीप कुमार, लघु उद्योग भारती के सुमन शेखर, दलित इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इन्डस्ट्रीज के अनन्त कुमार, बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इन्डस्ट्रीज के कुमार पुष्प राज भी उपस्थित रहे।