भ्रष्टाचार विरोधी प्रतिनिधि सम्मेलन में बोले सरयू राय, झारखंड में बदलाव का हो गया है आगाज

रांची : जेपी की 120वीं जयंती पर धुर्वा स्थित गाला बैंक्वेट हॉल में सरयू राय के नेतृत्व में भ्रष्टाचार विरोधी प्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मलेन में आए करीब एक हजार से अधिक वक्ताओं ने इस विषय पर अपनी अपनी बातें रखी।

सभी की बातों को सुनने के बाद सरयू राय ने कहा कि  वर्तमान समय में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है। इसके आगे भ्रष्टाचार का क्या स्वरुप होगा यह कहा नहीं जा सकता है। आजादी मिलने के बाद नियम कानून बने। उन नियम कानून में लगातार बदलाव भी होते रहे।

भ्रष्टाचार के विरुद्ध 1948 कड़ा कानून बना था। उसके बाद 1988  में और कड़ा कर दिया गया। लेकिन कड़ा कानून होने के बाद भी भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं लग पाया। जेपी आंदोलन के बाद भी व्यवस्था में परिवर्तन की बात हुई थी। वर्तमान में2022 आ गया है। सवाल है कि परिवर्तन होना चाहिए या नहीं। व्यवस्था बनाने वाले ही भ्रष्टाचार कर रहे हैं। जेपी ने संपूर्ण क्रांति की बात को कहा था। तभी बदलाव हो सकता है।

उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में जितनी उम्मीद थी उससे कही अधिक लोग उपस्थित हुए।

इस सम्मेलन में हुए चर्चा को हर टोले मुहल्ले में चर्चा किया जाना चाहिए।
जब मुखिया ही भ्रष्ट होगा तो फिर भ्रष्टाचार कैसे काम होगा। हम लोग इसे एक दिन में बदल नहीं सकते हैं। भ्रष्टाचार को समाप्त करने लिए कुछ संस्थाएं बनाई गई है।लेकिन हम लोग संस्था को ही कमजोर कर देते हैं। ऐसे में भ्रष्टाचार कैसे काम होगा।
भारत के बड़े बड़े अधिकारी और नेताओं का विदेशी बैक खाता है। न्यायपालिका में भी बदलाव को जरूरत है। आज हम लोग राज्य स्तर पर प्रयास किया है। अब पूरे राज्य में भ्रष्टाचार पर चर्चा होना चाहिए। बदलाव का एक कदम हमने उठाया है यह भाव लेकर यहां से जाना है।
वहीं खूंटी से आए पूर्व में झाविमो के जिला अध्यक्ष दिलीप कुमार मिश्रा ने कहा कि सिर्फ भाषण देने से काम नहीं होगा। भ्रष्टाचार की गंगोत्री उपर से बहती है। ऊपर को पहले ठीक करना पड़ेगा। साथ ही आम जनता को सजग होना पड़ेगा। चुनाव के समय नेता से पैसे की मांग करेंगे और उसे जिताएंगे तो भ्रष्टाचार कैसे कम होगा। भ्रष्टाचार से सबसे अधिक आम जनता को झेलना पड़ता है।  उन्होंने कहा सरयू राय ने इस मुहिम को प्रारंभ किया है और हम लोग उनके साथ हैं।
खूंटी के मोहम्मद यासीन ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आम जनता को सड़कों पर आना पड़ेगा।
सम्मेलन में अन्य वक्ताओं ने कहा सरयू राय इस सेना के अध्यक्ष हैं। हमलोग उनके नेतृत्व में आगे बढ़ेंगे। भ्रष्टाचार के विरोध में इंकलाब का उद्घोष करना है। एक अन्य लोगों ने कहा कि भ्रष्टाचार को रोकने में  आम जनता का अहम योगदान होता है।
घटवार आदिवासी समाज भी भ्रष्टाचार विरोधी अभियान में साथ खड़ा है। पूरे देश में सत्ता संरक्षित भ्रष्टाचार बढ़ा है। उन्होंने कहा कि पहले पीएम मोदी ने रेवाड़ी प्रथा शुरू किया और केजरीवाल ने इसे बांटना शुरू कर दिया। बाद में मोदी रेवड़ी बांटने के खिलाफ हुए।
वक्ताओं ने कहा कि झारखंड में पूजा सिंघल तो एक मोहरा है,जबकि ऐसे कई अधिकारी और नेता भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।
पूर्व सैनिक सतेंद्र सिंह ने कहा पहले लड़े थे बॉर्डर पर पाकिस्तानियों से और अब लड़ेंगे देश के बेईमानों से। काशीनाथ पाण्डेय ने कहा कि यहां तो घर घर रावण है,इतने राम कहां से लाऊं। आज तो वतन की कुर्सी पर बैठे लोग ही वतन बेचते हैं। इसकी शुरुआत अपने साथ साथ परिवार और समाज को यह वचन लेने की जरूरत है। तभी भ्रष्टाचार समाप्त होगा।
देश आजाद होने से कई साल बीत चुका है सभी राजनीतिक दल गरीबी हटाओ का नारा लगाते हैं। लेकिन आजतक गरीबी नहीं हटी है। यह भी भ्रष्टाचार है। अपने आप में बदलाव लाने की जरूरत है। अच्छे लोगों को चुने।
भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए शिक्षा को बेहतर करना होगा। कोई भी निजी स्कूलों में बगैर डोनेशन के एडमिशन नहीं होता है। भ्रष्टाचार करने वाला और उसे सहने वाला दोनों दोषी है।
लातेहार से आए दामोदर प्रसाद  उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध हमलोग एकजुट हैं। सभी सरकारी विभागों के अधिकारी और पदाधिकारियों का हर छह महीने में चल और अचल संपत्ति की जांच होना चाहिए।

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