कांग्रेस को वित्तीय तौर पर पंगु बनाने की मोदी सरकार कर रही कोशिश : राजेश ठाकुर
रांची: प्रदेश कांग्रेस भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने भाजपा पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार ने कांग्रेस पार्टी के बैंक खाता को फ्रिज कर दिया है। भाजपा विपक्ष को असहाय बनाकर चुनाव लड़ने में बाधा उत्पन्न करना चाहती है। इससे फ्री एंड फेयर इलेक्शन कभी नहीं हो सकता है। लोकतंत्र के उपर खतरा मंडरा रहा है। कांग्रेस पार्टी के बैंक खातों के उपर हमला हुआ और ये कोशिश की जा रही है कि फाइनेंशियली कांग्रेस पार्टी को पंगु बना दिया जाए।
उन्होंने कहा कि ये केवल कांग्रेस पार्टी के खातों पर नरेन्द्र मोदी सरकार का हमला नहीं है, बल्कि भारत के लोकतंत्र पर हमला है। अगर प्रमुख विपक्षी पार्टी वित्तीय तौर पर पूरी तरके से पंगु हो जाए, कोई कार्य नहीं कर सके, पब्लिसिटी के उपर पैसा नहीं खर्च कर सके, कैंपेन के उपर पैसा नहीं खर्च कर सके, अपने कैंडिडेट को पैसे नहीं दे सके, तो फिर चुनाव किस बात का है और चुनाव की घोषणा हो चुकी है। उन्होंने कहा कि पिछले एक महीने से हमारे अपने बैंक अकाउंट्स में पड़े हुए 285 करोड़ रूपए का हम इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। हम लोगों को पब्लिसिटी के लिए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अंदर स्लॉट बुक करने हैं। हमें सोशल मीडिया के अंदर इस्तेमाल करना है। हमें पोस्टर छपवाने हैं, हमें पैम्पलेट छपवाने है। अगर हम लोग वो काम भी नहीं कर सकते, तो किस प्रकार से लोकतंत्र जिंदा रहेगा और कैसा लोकतंत्र है।
2017-18 के एक केस को लेकर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 2017-18 के बेसिस के उपर सात साल बाद में जाकर हमारे बैंक के खाते अब जाकर फ्रीज किया है।
हम लोगों के पास में मुख्यतः तीन बातें हैं कहने की। हर पॉलिटिकल पार्टी इनकम टैक्स से एग्जेप्ट होती है। कभी किसी ने भी पैनेल्टी इस तरह से नहीं दी, तो कांग्रेस पार्टी को अकेले क्यों चुना जा रहा है? दूसरा, इसकी टाइमिंग देखिए, 2017-18 का, मोती लाल वोरा जी के टाइम का और 1994-95 का, सीताराम केसरी जी का समय और केवल एक महीना पहले, चुनाव के घोषणा होने से पहले ये काम शुरू किया जाता है।
एक महीने से भी ज्यादा हम अपने पैसे जो हमारे वर्कर ने इकट्ठे किए हैं, वो हम इसका उसका इस्तेमाल नहीं कर पारहे हैं, ये कहॉं की डेमोक्रेसी है, ये कहॉं का लोकतंत्र रह गया है? तो इसलिए हम आपसे कहना चाहते हैं कि केवल हमलोग तो अपनी लड़ाई लड़ेंगे, लेकिन ये आप लोगों की भी लड़ाई है, मीडिया की भी लड़ाई है, देश की जनता की लड़ाई है। अगर आप इसके अंदर हमें समर्थन नहीं करेंगे, तो लोकतंत्र जिंदा नहीं रहेगा, ना आप रहेंगे, न हम रहेंगे। हमारा टोटल जो है 14 लाख 40 हजार बनता है, जो 0.07 प्रतिशत है। तो सिर्फ 14 लाख 40 हजार जो हमारा 0.07 प्रतिशत है, उसकी वजह से हमारे उपर 210 करोड़ रूपए से भी अधिक का हमारे उपर लीएन मार्क करके हमें पैनेल्टी लगाई गयी है। तो आप सोचिए 14 लाख 40 हजार के बदले 210 करोड़ रूपए की पैनेल्टी हमारे उपर लगाई गयी है, ये कहॉं का लोकतंत्र है?
वहीं दूसरी ओर चुनावी इलेक्ट्रॉल बांड के जरिए जबरन वसूली रैकेट भाजपा चलायी है।
2018 और 2024 के बीच, भाजपा को चुनावी बांड में कुल ₹16,518 करोड़ में से ₹8,252 करोड़ मिले। कांग्रेस पार्टी को केवल ₹1,950 करोड़ मिले, और इसे भी फ्रीज कर दिया गया है। जबकि भाजपा अपनी लूट को खर्च करने के लिए स्वतंत्र है।
कई पार्टियों को चुनावी बांड के माध्यम से धन प्राप्त हुआ, क्योंकि सभी दानदाताओं ने गुमनाम रूप से देना पसंद किया। हालाँकि, केवल भाजपा सरकार चला रही हैं जिसके कारण उसका ईडी/सीबीआई/आयकर जैसी जांच एजेंसियों पर नियंत्रण है। इसलिए भाजपा ही बड़े पैमाने पर कंपनियों को मजबूर और ब्लैकमेल कर सकती है।
भाजपा ने चुनावी बांड जुटाने के लिए ईडी, सीबीआई या आयकर का उपयोग करके किसी कंपनी पर छापा मारना, और फिर कंपनी को छोड़ने के लिए हफ्ता (“दान“) मांगना। इस तरह 94 कंपनियों को निशाना बनाया गया, जिनमें शीर्ष 30 दानदाताओं में से 14 शामिल थीं।
इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस कमिटी के महासचिव सह कार्यालय प्रभारी अमूल्य नीरज खलखो, प्रदेश महासचिव सह मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा, प्रवक्ता ऋषिकेश सिंह मुख्य रूप से उपस्थित थे।
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