झारखंड में सियासी संकट तय, चीफ सेक्रेट्री ने दस्तावेजों की भेजी है वेरीफाइड कॉपी, अब सरकार लेगी कानूनी सलाह
रांचीः खदान लीज ने झारखंड में सियासी भूचाल ला दिया है। इस सियासी भूचाल के कई मायने निकाले जा रहे हैं। राजनीति के जानकारों का कहना है कि इधर कुंआ है तो उधर खाई। इसकी वजह यह भी बताई जा रही है कि झारखंड के चीफ सेक्रेट्री ने जो निर्वाचन आयोग को जवाब भेजा है वह पूरी तरह वेरीफाइड कॉपी है। इसके भी कई मायने निकाले जा रहे हैं। बहरहाल झारखंड में सियासी संकट तय माना जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जो दस्तावेज सौंपा गया है, उसमें एक्शन लेने के पर्याप्त सबूत हैं। इसको देखते हुए सरकार भी अलर्ट मोड पर आ गई है। इस मामले सरकार ने कानूनी सलाह लेने का फैसला लिया है। इसके लिए कई कानून के जानकारों से भी संपर्क साधा गया है। ताकि निर्वाचन आयोग द्वारा राज्यपाल को मंतव्य दिए जाने के बाद उसे कानूनी रूप से डिफेंड किया जा सके। सूत्रों के अनुसार राज्यपाल ने मामले में राज्यपाल ने पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अवगत करा दिया है। अब सबकी निगाहें राजभवन और निर्वाचन आयोग पर टिकी हुई हैं।
प्रदेश में सियासी हलचल हो गई है तेज
खदान लीज मामले के बाद झारखंड में सियासी हलचल तेज हो गई है। भाजपा ने इस मसले पर आक्रमक तेवर अख्तियार कर लिया है। वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर को दिल्ली तलब किया गया है। जानकारी के अनुसार राजेश ठाकुर प्रदेश की गतिविधियों से पार्टी आलाकमान को अवगत कराएंगे। हालांकि कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है, लेकिन उनकी यह मंशा सफल नहीं होगी।