अफीम खेती के खिलाफ हरकत में आई पुलिस,ढूंढ ढूंढ कर फसलों को कर रही नष्ट,हो रही गिरफ्तारियां
रांची/खूंटी: झारखंड सरकार के गृह सचिव वंदना डाडेल और डीजीपी अनुराग गुप्ता के आदेश के बाद झारखंड पुलिस अफीम तस्करों को दबोचने और अफीम के फसलों को नष्ट करने में रेस हो गई है। या यूं कहें तो अफीम खेती के खिलाफ पुलिस हरकत में आ गई है। अफीम की खेती करने वाले को गिरफ्तार कर जेल भेज रही है। लगातार अभियान चलाने से अफीम तस्करों में हड़कंप है। अफीम की खेती करने वाले संबंधित ग्राम प्रधान जेल जा रहे हैं। इसके साथ ही संबंधित क्षेत्र के थानेदारों को भी सख्त आदेश दिया गया है। उन्हें ऐसे लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजने के आदेश दिया जा चुका है। इसके अलावा खूंटी जिले के सभी प्रखंडों में विधिक जागरूकता कैम्प में भी अफीम के खिलाफ लोगों को जानकारियां दी जा रही है। अफीम खेती को रोकने के लिए जिला प्रशासन सभी तरह के हथकंडे अपनाने से पीछे हट नहीं रही है।
डीजीपी ने अफीम को लेकर एफआईआर नहीं करने वाले थानेदारों को सस्पेंड करने का निर्देश जारी कर दिया है। पिछले 15 दिनों के भीतर अफीम प्रभावित जिलों से एक दर्जन से ज्यादा अफीम किसानों को गिरफ्तार किया गया है। खूंटी में तो एक ग्राम प्रधान ही अफीम की खेती करवा रहा था, सूचना मिलने पर उसे भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि ग्राम प्रधान तक को अफीम की खेती करने के आरोप में जेल भेजा गया है, यह वैसे ग्रामीणों के लिए चेतावनी है, जो अफीम की खेती करते हैं। नए साल की शुरुआत से अबतक कई एकड़ में अफीम की खेती को नष्ट कर दिया गया है। पहले अफीम की फसल को नष्ट करने के लिए सिर्फ खानापूर्ति किया जाता था। न अफीम तस्कर गिरफ्तार होते थे न ही अफीम की खेती करने वाले किसान। किसानों पर एफआईआर भी ना के बराबर होती थी। यहां तक कि अफीम की फसल को तैयार होने के बाद भी नष्ट नहीं किया जाता था। अब इसके ठीक उलट इस वर्ष जनवरी (2025) में ही पूरे झारखंड में लगभग 1600 एकड़ में लगी अफीम की फसल को पौधे की शक्ल लेने से पहले ही नष्ट कर दिया गया है। जो किसान अफीम की खेती करवा रहे थे उन्हें गिरफ्तार किया गया है। झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि वैसे तमाम थानेदार जिनके थाना क्षेत्र में अफीम की खेती की गई है उन्हें बेहद साफ शब्दों में यह निर्देश दिया गया है कि हर कृषक जिसकी जमीन पर अफीम उगाई गई है उसपर एफआईआर दर्ज करें। एफआईआर दर्ज नहीं करने वाले थानेदारों पर सीधे निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।