पासवा अध्यक्ष आलोक दूबे का प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर पर आरोप,कहा-पूरी पार्टी को बना दिया है राज्य सरकार का गुलाम
रांची: झारखंड कांग्रेस से छह सालों के लिए निष्कासित कांग्रेसी नेता आलोक दूबे ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर पर गंभीर आरोप लगाया है।
रविवार को हरमू स्थित पासवा कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए आलोक दूबे ने कहा कि सरकार गठन के चार साल बीत जाने के बाद भी कांग्रेस ने जो 2019 के चुनावी घोषणा पत्र में जो वादे किए थे,उसपर प्रदेश कमिटी कितनी खरी उतरी है, इसका मूल्यांकन करने की जरूरत है। संगठन की यह नैतिक जिम्मेवारी होती है की जनता से जो वादा किया है उसे पूरा करने के लिए सरकार पर दवाब बनाएं। लेकिन आज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने पूरी पार्टी को राज्य सरकार का गुलाम ,पिछलग्गू बना दिया है। किसानों से जो वादा किया था वह भी पूरा नहीं कर पाया है। रोजगार की बात हमने की थी,वह भी नियोजन नीति के कारण अधूरा लटका हुआ है। बेरोजगारी भत्ता भी हमारी सरकार ने नहीं दिया है। ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया था,वह वादा भी अधूरा रह गया। शिक्षा के क्षेत्र में भी कोई खास उपलब्धियां नहीं रही है। लगभग चालीस हजार विद्यालय बंद के कगार पर है। इसके अलावा जनता से कई वादे किए थे।
उन्होंने कहा कि राजेश ठाकुर अपने स्वार्थ पूर्ति और राजनीतिक लाभ के लिए ट्रांसफर पोस्टिंग में लगे हुए हैं। यहां तक की अपने रिश्तेदार और आरपीएन सिंह चेहते को बोर्ड निगम में स्थान देने का काम कर रहे हैं। चार वर्षों तक इन्होंने विधायकों को अपमान करने का काम किया है। मंत्री बदलने,उनके कार्यों की समीक्षा सहित कई तरह की बातों में उलझा कर कार्यकर्ताओं को रखने का काम किया है।
प्रदेश कांग्रेस ने तीन विधायकों के निलंबन को वापस किया है यह बहुत ही अच्छा कदम है।लेकिन इसके जिम्मेवार कौन है। इसपर भी चर्चा होनी चाहिए। प्रदेश अध्यक्ष खुद इस घटना को लेकर एफआईआर दर्ज कराने गए थे। विधायक दल के नेता विधायकों के निलंबन के लिए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा था।
इनके अक्रमाण्यता के कारण कांग्रेस के कार्यकर्ता दुखी है। कांग्रेस के अंदर भगदड़ मची हुई है।
श्री दुबे ने कहा कि कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व को सारी हरकतों पर नजर है। जल्द ही इसपर एक्शन लेने की चर्चा चल रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने झारखंड में कांग्रेस पार्टी का जनाधार कम कर दिया है। जनता को कांग्रेस पर विश्वास उठता जा रहा है।