पंचायत चुनाव तो हो रहे पर ओबीसी आरक्षण का जिन्न निकला

सुप्रीम कोर्ट ने भले ही पंचायत चुनाव को नहीं रोका लेकिन ओबीसी आरक्षण की चर्चा से यह मुद्दा सेंटर स्टेज में

आजसू और सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी अचानक पिछड़ी जाति के चैंपियन बनकर उभरे

रवि भारती
रांची:आजसू पार्टी के सांसद चन्द्रप्रकाश चौधरी ने ट्रिपल टेस्ट के बिना राज्य में पंचायत चुनाव कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। पार्टी सांसद का पक्ष था कि ट्रिपल टेस्ट के बिना पंचायत चुनाव कराए जाने से ओबीसी को आरक्षण के हक से वंचित किया जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि अगले पंचायत चुनाव के पूर्व ट्रिपल टेस्ट के जरिए ओबीसी आरक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। जाहिर है अधिसूचना के तहत अभी हो रहे पंचायत चुनाव की सारी प्रक्रिया जारी रहेगी।

इस बार राज्य में होने वाले पंचायत चुनाव में ओबीसी के लिए आरक्षित विभिन्न स्तर के हजारों पदों को समाप्त किया गया है। अगर सरकार चुनाव से पहले ट्रिपल टेस्ट करा लेती, तो यह नौबत नहीं आती।

ऐसे में भले ही सुप्रीम कोर्ट ने चुनावों के बीच यह याचिका खारिज कर दी हो,पर पिछड़ा आरक्षण का सोया हुआ जिन्न फिर से जाग उठा है।

प्रदेश में पिछड़ों को मात्र 14 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। जबकि मंडल कमीशन की अनुशंसा कम से कम 27 फीसदी आरक्षण की है। प्रदेश के 7 जिलों में जिला स्तर पर पिछड़ा आरक्षण शून्य है। ऐसे में अपने हक के लिए उबल रहे पिछड़ों को सुप्रीम कोर्ट के मेंशन से उम्मीद की रोशनी दिखने लगी है।

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