वन नेशन वन इलेक्शन भारतीय लोकतंत्र के व्यवहारिक दृष्टिकोण से असफल निर्णय :कैलाश यादव
रांची : प्रदेश राजद महासचिव सह मीडिया प्रभारी कैलाश यादव ने वन नेशन वन इलेक्शन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह एजेंडा भारतीय लोकतंत्र के सामाजिक व्यवहार के खिलाफ है, क्योंकि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में पंचायती राज व्यवस्था काफी अहम योजना है। जहां प्रत्येक 5 वर्ष पर शहरी एवं ग्रामीणों के लिए नगर निगम/नगर पंचायत एवं संसदीय चुनाव कराने की संवैधानिक एवं लोकतांत्रिक व्यवस्था बनी हुई है।
विदित हो की देश में राष्ट्रीय दलों के अलावा अनेकों क्षेत्रीय दल के अपने विचारधारा और नीति सिद्धांत है। जिस देश में जातीय व्यवस्था,जातीय जनगणना और आरक्षण की व्यवस्था चरम पर हो वहां वन नेशन वन इलेक्शन सफल नही हो सकती और इसे जबरन नहीं थोपी जा सकती है। किसी भी हाल में यह फैसला सफल नही हो सकता।
यादव ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन वह देश में सफल योजना होगा जहां दो दलीय व्यवस्था हो ,भारत में सैकड़ों राजनीतिक दल हैं इसलिए चुनावी वोटिंग में क्षेत्रीय भावनाएं काफी मजबूत होती है वैसे स्थिति में त्रिशंकु बहुमत आने की निरंतर संभावनाएं बनी रहती है इसलिए भारतीय लोकतंत्र में संवैधानिक रूप में वन नेशन वन इलेक्शन उचित योजना नहीं हैं यह सिर्फ क्षेत्रीय दलों के ताकतों को दबाने की नाकाम कोशिश की जा रही है।