करुणानिधि की जयंती पर तमिल में पढ़ा गया नीतीश कुमार का भाषण

पटना : तमिलनाडु के तिरुवरूर में पूर्व मुख्यमंत्री एम. करूणानिधि के जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अभिभाषण को तमिल भाषा में पढ़ा गया।लिखित भाषण के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संदेश दिया- हम विपक्षी दलों को एकजुट करना चाहते हैं। हमारा मानना है कि अगर अधिकांश विपक्षी दल एकजुट होंगे और मिलकर चुनाव लड़ेंगे तो अगले लोकसभा में बीजेपी को सत्ता से बाहर कर सकेंगे।
इस अवसर पर बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव और बिहार के जल संसाधन तथा सूचना एवं जन सम्पर्क मंत्री संजय कुमार झा उपस्थित थे।
अपने भाषण में मुख्यमत्री ने कहा कि स्व. करूणानिधि जी के जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर मुझे आमंत्रित किया इसके लिए आप सबको मैं हृदय से धन्यवाद देता हूँ। श्रद्धेय करुणानिधि जी मात्र 14 वर्ष की आयु में द्रविडियन आंदोलन से जुड़ गये थे और उसके बाद लगभग 8 दशकों तक सक्रिय राजनीति में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। साथ ही 50 वर्षों तक वे डीएमके (द्रविडियन मुनेत्र कड़गम) के अध्यक्ष रहे, यह उपलब्धि किसी भी राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय पार्टियों के नेता के लिए संभव नहीं है। करुणानिधि जी तमिलनाडु में सामाजिक न्याय एवं समानता के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहे। उन्होंने जीवन भर गरीब एवं पिछड़ों के हक की लड़ाई लड़ी और महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। गरीब, वंचित तथा पिछड़ों के हित में उनके द्वारा किए गए प्रयासों ने उन्हें लोकप्रिय बनाया।
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि सेल्फ रेसपेक्ट आंदोलन से जुड़े नेता के रूप में वर्ष 1989 में मुख्यमंत्री रहते हुये श्रद्धेय करुणानिधि जी ने सबसे पहले संपत्ति में महिलाओं के समानाधिकार के लिए कानून बनाया तथा सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण दिया । इसी वर्ष उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की एवं महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण हेतु पहली बार तमिलनाडु में स्वयं सहायता समूहों के गठन में अपनी अहम भूमिका निभाई ।युवावस्था में श्रद्धेय करुणानिधि जी तमिल फिल्मों में पटकथा लेखक के तौर पर कार्य करते थे। तमिल साहित्य एवं संस्कृति में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें हमेशा याद रखा जायेगा। मेरी उनसे अंतिम मुलाकात वर्ष 2017 में उनके जन्म दिवस पर हुई थी।
अपने भाषण में नीतीश कुमार ने कहा कि हमारा श्रद्धेय करुणानिधि जी के प्रति बहुत सम्मान है एवं उनकी पार्टी डीएमके से हमारा पुराना लगाव है। वर्ष 1991 में जब लोकसभा में डीएमके के एक भी सांसद नहीं थे और हम जनता दल पार्टी से सांसद थे। जब भी लोकसभा में इनकी पार्टी के खिलाफ कोई बात उठती थी तो हम डीएमके पक्ष का समर्थन करते थे। वर्ष 2017 में विधान सभा के चुनाव हुये थे जिसमें डीएमके चुनाव हार गयी थी । उस समय हमने कहा था कि अगली बार डीएमके सत्ता में आयेगी और श्री स्टालिन साहब यहाँ के मुख्यमंत्री बनेंगे। बहुत खुशी की बात है कि अब आप मुख्यमंत्री बने हैं और राज्य को बहुत अच्छे तरह से चला रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कुछ दिन पूर्व तमिलनाडु में रह रहे बिहार के मजदूरों पर हमले की झूठी घटना सामने आयी थी और उस समय फर्जी वीडियो पोस्ट किया गया था कि तमिलनाडु के स्थानीय लोगों द्वारा बिहार के प्रवासी मजदूरों पर हमला किया गया है। हमने तुरंत मुख्यमंत्री श्री स्टालिन साहब से बात की। तमिलनाडु सरकार ने तुरंत इसकी जाँच की और बताया कि स्थानीय लोगों द्वारा बिहारी मजदूरों की हमले की कोई बात नहीं है ये मात्र अफवाह है। बिहार से भी एक टीम तमिलनाडु भेजा गया था इस टीम ने पाया कि बिहार के मजदूरों पर हमले जैसी कोई बात नहीं है। हम जानते हैं कि तमिलनाडु में बिहारी मजदूर एवं अन्य लोग अनेक वर्षों से रह रहे हैं और तमिलनाडु के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं और हमेशा यहाँ पर बिहारी लोगों के साथ बहुत अच्छा व्यवहार रहा हैं।
आप सब अवगत हैं कि 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक आयोजित की गयी है जिसमें डीएमके के अध्यक्ष एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री श्री स्टालिन साहब भाग ले रहे हैं। हम विपक्षी दलों को एकजुट करना चाहते हैं। हमारा मानना है कि अगर अधिकांश विपक्षी दल एकजुट होंगे और मिलकर चुनाव लड़ेंगे तो अगले लोकसभा में बीजेपी को सत्ता से बाहर कर सकेंगे। अंत में मैं पुनः महान राजनेता श्रद्धेय करुणानिधि जी को श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ और अपनी बात समाप्त करता हूँ। मुझे विश्वास है कि डीएमके पार्टी, मुख्यमंत्री एम०के० स्टालिन जी के नेतृत्व में श्रद्धेय करुणानिधि जी के आदर्शों पर आगे बढ़ती रहेगी।

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