मांझी की नाव एनडीए को और! 18 जून को हो जाएगा एलान
पटना : हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम)के प्रमुख जीतनराम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने मंगलवार को नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। इसी के साथ मांझी का नीतीश के नेतृत्व वाले महागठबंधन से नाता भी खत्म हो गया। मांझी ने 18 जून को पटना में हम की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। इस बैठक में भविष्य के विकल्प पर चर्चा होगी और यह बात लगभग तय मानी जा रही है कि मांझी आने वाले वक्त में एनडीए का हिस्सा होंगे।
महागठबंधन से बाहर होने के बाद जीतनराम मांझी ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी कोई दुकान नहीं जिसे पैसे से खरीदा जा सके। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की पार्टी लगातार हम पर विलय का दबाव बना रही थी। पानी नाक के ऊपर जा चुका था। हमारी पार्टी संघर्ष करेगी। मांझी ने दावा किया कि जो काम उन्होंने मुख्यमंत्री रहते किए, उसी काम को नीतीश तोड़ मरोड़ कर सामने रख रहे हैं।
हम के पास जनाधार
वहीं, मांझी के बेटे संतोष सुमन ने बिहार की कैबिनेट से इस्तीफा देने के बाद नीतीश कुमार पर आरोप लगाया था कि वे पार्टी का विलय जदयू में करने का दबाव डाल रहे थे। हम के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्यामसुंदर शरण ने कहा है कि जीतन राम मांझी के पास जनाधार है और हम पार्टी के पास राजनीतिक विकल्प की कमी नहीं है। खुद जीतन राम मांझी ने भी कहा है कि 18 जून को वह बड़ा ऐलान करेंगे।
राजनीतिक विकल्प को लेकर आज जीतन राम मांझी और संतोष सुमन के बीच बातचीत हुई है। मांझी सुबह-सवेरे संतोष सुमन के आवास पहुंचे थे और दोनों के बीच काफी देर तक बंद कमरे में बातचीत हुई।
दरअसल, नीतीश कुमार ने 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बड़ी बैठक बुलाई है। इस बैठक में राहुल गांधी से लेकर मलिकार्जुन खड़गे और अखिलेश यादव, केजरीवाल, ममता बनर्जी, स्टालिन समेत अन्य विपक्षी दलों के नेता शामिल होंगे, लेकिन नीतीश ने इस बैठक का न्योता महागठबंधन में अपने सहयोगी जीतन राम मांझी को नहीं भेजा। इससे भी मांझी नीतीश कुमार से नाराज चल रहे थे। चर्चा यह भी है कि जीतन राम मांझी ने पिछले दिनों नीतीश कुमार के साथ बैठक कर महागठबंधन में 5 लोकसभा सीटें मांगी थी।
हम जिधर रहेंगे, जीतेंगे
मुख्यमंत्री नीतीश से मुलाकात के बाद मांझी ने कहा था कि हम गठबंधन के तहत सूबे की पांच सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। हमारी पार्टी के लिए बिहार में पांच लोकसभा सीटें भी कम हैं। उन्होंने कहा कि हम जिधर रहेंगे, उधर जीतेंगे। ये सभी को पता है। हालांकि, बाद में उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी एक भी लोकसभा सीट पर चुनाव नहीं लड़ेगी।