संथाल में बंग्लादेशी घुसपैठ के मामले पर नेता प्रतिपक्ष ने सरकार से जवाब मांगा
रांची: झारखण्ड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने सोमवार को पंचम विधानसभा मानसून सत्र के दूसरे कार्य दिवस के दिन राज्य के कई जिलों मे हो रहे बंग्लादेशी घुसपैठ के मामले पर सरकार से जवाब मांगा। लेकिन सरकार विपक्ष के सवालों पर चुप्पी साधी रही।
जिसके बाद विधानसभा में पत्रकारों से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि जेएमएम, कांग्रेस एवं राजद वाली सरकार विशेष कर आदिवासियों की माटी, रोटी, बेटी के सवाल पर रहस्यमय चुप्पी साधे हुए है। सरकार विपक्ष के सवालों को अनदेखा कर रही है। उन्होंने बताया कि किस तरह सरकार यहां के आदिवासियों की जमीन लूटने दे रही है और बेटियों पर अत्याचार होने दे रही है।
उन्होंने कहा कि संथाल परगना में आदिवासियों की जनसंख्या में अप्रत्याशित गिरावट हुई है और यह समस्त झारखण्ड में हो रहा है। पाकुड़ के महेशपुर थाना क्षेत्र के गायबथान में जामरन हेम्ब्रम और होपनी मरांडी की जमीन लूट ली गयी और जब वे अपने जमीन पर वापस काबिज होने की कोशिश किये तो उनके साथ बंग्लादेशियों ने मारपीट की और उन्हे खदेरा गया। घटना के बाद भी कई दिनों तक आरोपियों के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया। राजनीतिक और सामाजिक दबाब के बाद आखिरकार 18 तारीख को मामला दर्ज किया गया।
वहीं उन्होंने कहा कि जब इसके खिलाफ के के एम कॉलेज के छात्रों ने इस लूट के खिलाफ 27 जुलाई को जनआक्रोश रैली निकालने का प्रयास किया, जिसकी सूचना जिला के उपायुक्त एवं पुलिस अधीक्षक को भी थी, तो एक रात पहले पुलिस और गुंडों ने छात्रो पर देर रात हमला कर उनके साथ मारपीट की। इतना ही नहीं पुलिस ने इस पूरे मामले को अपहरण का मामला बताते हुए पुरे मामले को बदलने की कोशिश भी की।
ऩेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह सरकार सिर्फ अपने चेहरे पर आदिवासियों के हितैशी होने का मुखौटा लगाये हुए है, जब कि सच्चाई कुछ और है जो किसी से छिपी नहीं है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हाल में ही पाकुड़ के गोपीनाथपुर गांव में पश्चिम बंगाल के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने, जो बंग्लादेशी घुसपैठिये है, ग्रामीणों पर हमला कर उनके साथ लूट, मारपीट, बमबाजी, आगजनी की घटना को अंजाम दिया गया, तारानगर में मुहर्रम के जुलुस के दौरान दो समुदाय में झड़प हुई, इलाहीनगर और महुदी में मुहर्रम जुलुस के दौरान दो समुदाय के बीच झड़प हुई, राज्य के कई जिलों में मुहर्रम के जुलुस में फिलिस्तीन का झंडा लहराया गया और सरकार विपक्ष से ही इसका सबूत मांग रही है।
उन्होंने कहा कि एक महादलित छात्र जिसे नवोदय विद्यालय में नामांकन कराना था, जिला प्रशासन ने उसका जाति प्रमाण पत्र यह कह कर निर्गत नहीं किया कि उसके पास कोई खतियान नहीं था। वहीं दूसरी तरफ सरकार खाद्य आपूर्ती का दुकान अनाहार बीबी, सेबी बीबी, कलसुम खातून, तारफुल बीबी, लाफुल बीबी, सुलेखा बीबी को अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र दे कर निर्गत कर दिया है। यह सरकार न सिर्फ आदिवासी बल्की अनुसूचित जाति समाज के लोगों का भी हक अधिकार मार कर ऐसे घुसपैठियों को बसाने में लगी है। सरकार के अधिकारी बंग्लादेशियों का फर्जी आधार कार्ड, वोटर कार्ड, जाति प्रमाण पत्र बना कर उन्हे बसाने का काम कर रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि पूरे संताल परगना में एसपीटी एक्ट लागु है, बावजुद इसके सरकार फर्जी तरीके से अनाबाद जमीन जो सरकारी जमीन होती है उसपर घुसपैठियों को बसा रही है। उन्होंने बताया कि साहिबगंज अंचल के खाता संख्या 187, खेसरा 241,243244,258, 269,272,273,293,300,302.329,333,338,352,355,357,36148, 65, 83, 84, 86, 88, 113114, 121, 127, 133, 138 एवं अन्य खाता संख्या सहित 17 एकड़ की जमीन जिसपर पहले से तालाब बना था वहां मस्जिद और कब्रिस्तान बना कर घुसपैठियों को बसाया गया है। ऐसे कई हजार एकड़ अनाबाद जमीन पर कब्जा किया गया है और इसका म्युटेशन भी किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि आज माटी, बेटी, रोटी के मुद्दे को यदि सरकार मुद्दा बना कर ही छोड़ देती है तो आने वाले समय में न आदिवासी बचेंगे और ऩ ही आदिवासी अस्मिता बचेंगी। चुकी सरकार आदिवासियों के नाम पर ही सत्ता में आयी थी इसलिए राज्य सरकार माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों को भी खारिज करते हुए आदिवासियों को पीट रही है और हकीकत को भी छिपा रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने मांग किया कि इन विषयों पर सरकार जवाब दे और एक एसआईटी गठन कर पूरे मामले की जांच कराये। यदि सरकार ऐसी मंशा नही रखती है तो सदन में सरकार लिखित में दे और भारतीय जनता पार्टी केन्द्र सरकार की मदद से केन्द्रीय एजेंसी से पूरे मामले की जांच करवा कर सभी घुसपैठियों को चिन्हित कर उन्हे यहां से उनके देश भेजने का काम करेगी।