झारखण्ड सरकार तत्काल केंद्र से संपर्क कर राज्य में सूखाड़ घोषित करे: जयंत सिन्हा

रांचीः हज़ारीबाग सांसद सह अध्यक्ष वित्त संबंधी संसदीय स्थायी समिति जयंत सिन्हा ने लोकसभा में नियम 377 के तहत झारखण्ड में सूखे का मामला उठाया। उन्होंने राज्य की स्थिति पर सदन का ध्यान आकृष्ट करवाया है। जयंत सिन्हा ने कहा कि झारखंड गंभीर सूखे की स्थिति की ओर बढ़ रहा है। यह एक वर्षा निर्भर राज्य है। अतः सूखे का मामला अत्यंत गंभीर व आवश्यक है, जिस पर तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है। दिनाँक 1 जुलाई 2022 से 28 जुलाई 2022 की अवधि के वर्षा के आंकड़े बताते हैं कि झारखंड में सामान्य स्तर की तुलना में लगभग 50% कम वर्षा हुई है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, यह अल्प-वर्षा की श्रेणी में आता है। दिनाँक 28 जुलाई 2022 तक, 24 ज़िलों में से 22 ज़िले अल्प-वर्षा की श्रेणी में हैं, जिनमें से 10 ज़िलों में अल्प से भी कम वर्षा हुई है। मेरे अपने निर्वाचन क्षेत्र, हजारीबाग और रामगढ़ ज़िलों में केवल 39 से 46% वर्षा दर्ज की गई है। इससे राज्य में धान की पैदावार बुरी तरह प्रभावित हो रही है, जिससे उपज पर काफी बुरा असर पड़ रहा है और हमारे किसानों को काफी कठिनाइयां हो रही हैं। 20 जुलाई 2022 तक के आंकड़ों के अनुसार केवल 1.68 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई थी जबकि लक्ष्य 18 लाख हेक्टेयर का था। यानी मात्र 9.56 प्रतिशत पर बुवाई की गई है। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वे राज्य सरकार को उचित निर्देश प्रदान करे ताकि सिंचाई के अभाव में राज्य में खाद्य सुरक्षा पर कोई संकट न पड़े। जयंत सिन्हा ने कहा कि झारखण्ड में सूखे की स्थिति बेहद चिंताजनक है। राज्य सरकार को इसके लिए शीघ्र ही आवश्यक कदम उठाने होंगे ताकि हमारे किसान भाई-बहनों को राहत मिल सके। यह किसानों के हितों की रक्षा के लिए और राज्य में खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है

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