छह महीने में 14 राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों ने भ्रष्टाचार की गंगोत्री में लगाई डुबकी
भ्रष्टाचार के मामले में आइएएस से पीछे नहीं हैं राज्य सेवा के अफसर
एसीबी के भी हत्थे चढ़े राज्य सेवा के अफसर
वेतन रूका, विभागीय कार्रवाई के साथ निलंबित भी हुए
रांचीः इस साल के अब तक छह महीने ही पूरे हुए है। लेकिन इन छह महीनों में राज्य प्रशासनिक सेवा के दोगुने से अधिक 14 अफसरों ने भ्रष्टाचार की गंगोत्री में डुबकी लगाई। भ्रष्टाचार के मामले में राज्य सेवा के अफसर आइएएस से पीछे नहीं हैं। इस अफसरों के खिलाफ वेतन वृद्धि पर रोक, निलंबन, विभागीय कार्यवाही सहित निंदन का दंड अधिरोपित किया गया है। चैनपुर के तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी सत्यप्रकाश पर अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर वान चेकिंग करने और जुर्माना वसूल करने का आरोप लगा। इसके एवज में उन्हें तीन वेतन वृद्धि के रोक की सजा दी गई। हुसैनाबाद के तत्कालीन बीडीओ लक्ष्मीनारायण पर कर्तव्यहीनता और लापरवाही का आरोप लगा। मनरेगा और इंदिरा आवास योजना में गड़बड़ी के कारण इटकी के तत्कालीन बीडीओ नीत निखिल सुरीन के खिलाफ विभागीय कार्यवाही चल रही है। रांची के तत्कालीन सीओ रवि रंजन कुमार विक्रम पर सीएनडी के उल्लंघन का आरोप है। इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई चल रही है। कांके के ही तत्कालीन सीओ अनिल कुमार सस्पेंड हो चुके हैं। मांडू के तत्कालीन बीडीओ विनय कुमार एसीबी के हत्थे चढ़े। फिलहाल ने सस्पेंड हैं। गढ़वा के तत्कालीन अपर समाहर्ता राधेश्याम प्रसाद पर अनाधिकृत रूप से मकान किराया लेने और बिना अवकाश स्वीकृत कराए मुख्यालय छोड़ने का आरोप लगा। इन पर विभागीय कार्यवाही चल रही है। मझगांव के तत्कालीन बीडीओ सत्यप्रकाश ने चापानल मरम्मती में अनियिमतता बरती। उन पर वेतन वृद्धि रोक का दंड अधिरोपित किया गया। मेदिनीनगर के तत्कालीन बीडीओ जय कुमार राम पर मनरेगा और प्रधानमंत्री आवास योजना में अनियमितता का आरोप लगा। इन्हें खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू की गई। रमकंडा के तत्कालीन बीडीओ सुबोध कुमार दास पर इंदिरा आवास योजना में गड़बड़ी के आरोप में तीन वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी गई। सरकारी भूमि के आबंटन के मामले में मेदिनीनगर के तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी सुधीर कुमार दास पर दो वेतन वृदिध पर रोक का दंड अधिरोपित किया गया। हुसैनाबाद के तत्कालीन बीडीओ शेखर प्रसाद पर मनरेगा में अनियमितता के आरोप पर दो वेतन वृद्धि पर रोक लगाई गई। कांके के तत्कालीन सीओ प्रशांत भूषण सिंह को सस्पेंड किया गया। इनके खिलाफ चामा में सरकारी भूमि का अवैध तरीके से नामांकरण का आरोप है।