पब्लिक प्रॉसिक्यूटर और असिस्टेंट प्रॉसिक्यूटर के साथ महत्वपूर्ण बैठक
रांची: उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री ने गुरुवार को कार्यालय कक्ष में पब्लिक प्रॉसिक्यूटर और असिस्टेंट प्रॉसिक्यूटर के साथ महत्वपूर्ण बैठक करते हुए जिला के अभियोजन तंत्र को मजबूत करने और आपराधिक मामलों में दोषसिद्धि दर बढ़ाने के लिए ठोस रणनीतियों पर चर्चा की।
इस बैठक में पब्लिक प्रॉसिक्यूटर, अनिल कुमार सिंह, असिस्टेंट प्रॉसिक्यूटर, सिद्धार्थ सिंह, संगम कुमार, निखार वर्णवाल, विधि विशेषज्ञ और जिला के वरीय पदाधिकारी शामिल हुए।
बैठक का मुख्य उद्देश्य अभियोजन कार्य की गुणवत्ता में सुधार, बुनियादी ढांचे का विकास और आपराधिक न्याय प्रणाली को प्रभावी बनाना है।
बैठक में विशेष रूप से अभियोजन कार्य को और अधिक पेशेवर और समयबद्ध बनाए जाने पर चर्चा इसके लिए अभियोजकों के प्रशिक्षण, तकनीकी संसाधनों के उपयोग और जांच एजेंसियों के साथ बेहतर समन्वय पर जोर दिया गया।
इसके लिए अभियोजन अधिकारियों को आधुनिक तकनीकों से लैस करने के लिए एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने पर चर्चा की गई।
आपराधिक मामलों में दोषसिद्धि दर को बढ़ाने के लिए साक्ष्यों को मजबूत करने और अदालतों में प्रभावी पैरवी पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया गया। बैठक में यह सुझाव दिया गया कि फॉरेंसिक सुविधाओं का बेहतर उपयोग और गवाह संरक्षण कार्यक्रम को सशक्त किया जाए। इसके साथ ही, पुराने लंबित मामलों को तेजी से निपटाने के लिए एक कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया गया।
उपायुक्त द्वारा अभियोजन कार्यालय का बुनियादी ढांचा विकास
अभियोजन कार्यालयों के बुनियादी ढांचे को उन्नत करने के लिए नए संसाधनों के आवंटन पर भी चर्चा की गई । इसमें डिजिटल अभिलेख प्रणाली, आधुनिक कार्यालय उपकरण और अभियोजकों के लिए बेहतर कार्यस्थल शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, ग्रामीण क्षेत्रों में अभियोजन कार्यालयों की स्थापना को प्राथमिकता देने का प्रस्ताव रखा गया, ताकि न्याय तक पहुंच आसान हो सके।
उपायुक्त ने विशेष रूप से कहा की हमारा लक्ष्य एक ऐसी अभियोजन प्रणाली विकसित करना है जो न केवल कुशल हो, बल्कि समाज में विश्वास भी पैदा करे। आपराधिक मामलों में दोषियों को सजा दिलाना हमारी प्राथमिकता है, और इसके लिए हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं।”
यह बैठक राज्य में आपराधिक न्याय प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रहेगा ।

