मानव संसाधन एक अपरिहार्य एवं निर्णायक संसाधन है: अमरेंदु प्रकाश
रांची: सेल-एमटीआई में एचआर कॉन्क्लेव के पहले दिन भारत के विभिन्न हिस्सों से सार्वजनिक और निजी उद्यमों के दिग्गजों ने रचनात्मक और अभिनव विचार-विमर्श किया।
सेल के अध्यक्ष अमरेंदु प्रकाश ने कहा कि मानव संसाधन सदियों से सर्वोत्तम संसाधन रहा है। वहीं, आज टेक्नोलॉजी समेत अन्य संसाधन तो खरीदे जा सकते हैं, लेकिन टैलेंट और एचआर नहीं। कोई उनके लिए भुगतान तो कर सकता है, लेकिन गहन मानव संसाधन हस्तक्षेप के बिना मानव पूंजी का सर्वोत्तम लाभ सुनिश्चित नहीं कर सकता। प्रसिद्ध प्रबंधन सलाहकार पीटर ड्रकर की “संस्कृति नाश्ते के लिए रणनीति खाती है” का उद्धरण देते हुए उन्होंने रेखांकित किया कि एक शक्तिशाली और सशक्त संस्कृति संगठन की समग्र सफलता का एक निश्चित मार्ग है। लोगों को संस्कृति को बदलने के लिए खुद को सशक्त महसूस करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब “जज संस्कृति से नज संस्कृति” में बदलाव का समय आ गया है। ‘जज’ दृष्टिकोण एक न्यायिक संस्कृति का संकेत देता है जो कभी-कभी किसी संगठन में सद्भाव को दूषित कर देता है; वहीँ फीडबैक के साथ साथियों से निरंतर प्रोत्साहन यानी ‘नज’ संस्कृति कंपनी के सम्पूर्ण स्वास्थ्य को उत्कृष्ट बनाता है। उन्होंने आने वाले दिनों में सेल में खुशहाल लोगों, सक्षम लोगों और खुले एवं पारदर्शी लोगों का आव्हान किया है।
सेल के निदेशक (कार्मिक) केके सिंह ने सेल में हाल ही में शुरू की गई मानव संसाधन केंद्रित योजनाओं जैसे कार्यस्थल के अलावा अन्य लोकेशन से काम (वाऊ), शाबाश योजना, कैरियर अनुकूलन, ई-पाठशाला योजना आदि का जिक्र करके सम्मेलन का माहौल तैयार किया, जो यह दर्शाता है की आज सेल की संरचना में एचआर का समावेश हो गया है। उन्होंने कहा कि सेल के प्रतिभा भंडार को प्रेरित करके ही बाजार के उतार-चढ़ाव को निरस्त किया जा सकता है। उन्होंने किसी भी संगठन के भीतर एक अनौपचारिक सीखने के माहौल पर बल दिया ताकि ज्ञान की गंगा जस्ट-इन-टाइम लर्निंग मोड में कारखाने के सबसे निचले तबके तक पहुंच सकें, जो कार्य संस्कृति में सहजता से अंतर्निहित हो|
बी.एस. पोपली, ईडी (एचआर), सेल, नई दिल्ली ने प्रमुख बाहरी हितधारकों के साथ सभी सेल इकाइयों के मानव संसाधन विशेषज्ञों की सभा का स्वागत किया और बताया कि हर साल यह सम्मेलन एक प्रासंगिक विषय के साथ आयोजित किया जाएगा।
सुश्री आयुषी कुमारी, मानव संसाधन विशेषज्ञ, टाटा स्टील ने मानव संसाधन के सभी प्रमुख पहलुओं में डिजिटल इंजनों को एकीकृत करते हुए टाटा स्टील द्वारा विश्व स्तर पर अपनाई गई अत्याधुनिक मानव संसाधन प्रथाओं की एक विस्तृत प्रस्तुति दी। संजय कुमार, जीएम (बिजनेस प्लानिंग) ने सेल की सफलता में एचआर की भूमिका के साथ-साथ इसकी बिजनेस योजना प्रस्तुत की। उन्होंने भविष्य के उद्योग 5.0 में मानव संसाधन की अपरिहार्यता को रेखांकित किया।
सोसाइटी फॉर ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट (एसएचआरएम) के निदेशक आशीष कौल ने कुछ लुभावनी क्विज़िंग से माहौल को खुशनुमा बना दिया। सिद्धार्थ रविशंकर, पार्टनर – बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) ने दर्शकों को बीसीजी में त्रुटिहीन आधुनिक मानव संसाधन प्रथाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने मानव संसाधन के प्रमुख आधारों के रूप में विविधता और समावेशिता पर जोर दिया और बताया कि कैसे संगठनों में आयोजित नाटक उनके महत्व को रेखांकित कर रहे हैं।
सेल की अन्य इकाइयों से कार्यकारी निदेशक आशीष चक्रवर्ती, ईडी (एसएसओ और एमटीआई),राजन प्रसाद ई.डी (का. व् प्र), बोकारो, तरूण मिश्रा, ईडी (एचआर), राउरकेला, एसके वर्मा, ईडी (सीईटी), वेद प्रकाश, ईडी (एसडीटीडी), संदीप कर, ईडी (आरडीसीआईएस) इस अवसर पर उपस्थित थे।