21 अक्टूबर शनिवार का राशिफल एवम पंचांग
मेष:आज आपका दिन बढिया रहेगा । आप सभी कार्यों को बेहतरीन तरीके से पूरा करने में सक्षम रहेंगे। आप की दबी हुई कोई प्रतिभा या बात लोगों के समक्ष उजागर होगी। जिससे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा तथा मान-सम्मान में भी वृद्धि होगी। मन मुटाव का अन्त होगा। घर की सुख-सुविधा संबंधी वस्तुओं की खरीदारी या आवश्यक पकवान में परिवार के साथ समय व्यतीत होगा। स्वास्थ्य सुधार होगा।
वृष:आज दिनचर्या की गतिविधियों से हटकर किसी विशेष बात को गहराई से जानने के लिए समय व्यतीत करेंगे तथा अध्यात्म से जुड़े विषयों में विशेष रूचि रहेगी। अगर पैतृक संबंधी कोई मामला रुका हुआ है, तो आज किसी की मध्यस्थता से हल हो सकता है। मनोरंजन और मौज मस्ती के लिए समय निकाल पाएंगे। बाहर खाना खाने से बचें।
मिथुन:आज आपका समय आपके साथ है। किसी को उधार दिया हुआ या रुका हुआ पैसा मिलने की संभावना है, इसलिए उसे वसूल करने में अपना विशेष रुप से ध्यान केंद्रित रखें। आज रिश्तेदारों अथवा पड़ोसियों के साथ किसी गंभीर विषय पर चर्चा हो सकती हैं। इस चर्चा में आपके द्वारा रखा गया मजबूत पक्ष आपके मान-सम्मान में वृद्धि करेगा। प्रतिभा को सम्मान मिलेगा। स्वास्थ्य सही रहेगा।
कर्क:आज आपका समय मिलाजुला रहेगा । व्यस्तता व थकान हो सकती है ।कार्यक्षेत्र में काम की अधिकता रहेगी। परंतु जल्दबाजी की बजाय गंभीरता व सावधानी पूर्वक कार्य करने की आवश्यकता है। अपने कर्मचारियों के साथ संबंध खराब ना होने दें अन्यथा काम की गति धीमी हो सकती हैं। नौकरी पेशा व्यक्तियों को भी अपने काम को पूरी लगन से करने की जरूरत है। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पानी पीने में कंजूसी न बरतें।
सिंह:आज आपकी ऊर्जा आपको औरों से बेहतर बनने में पूर्ण मदद करेगी। पारिवारिक लोगों की जरूरतों को पूरा करने तथा शॉपिंग वगैराह करने में समय व्यतीत होगा। आज रोजमर्रा की व्यस्ततम दिनचर्या में से कुछ समय सुकून और मौज मस्ती के लिए भी निकालेंगे। घर में रिश्तेदारों का भी आगमन होगा। मन शान्त रखने की कोशिश करना आसान होगा।
कन्या:आज आप मेहनतकश रहेंगे व पूरा लाभ भी मिलेगा। दोपहर बाद लाभदायक स्थितियां बन रही है, इसलिए दिन की शुरुआत में ही अपने महत्वपूर्ण काम पूरे करने संबंधी रूपरेखा बना लें। रियल एस्टेट से जुड़े लोगों की आज फायदेमंद डील हो सकती हैं। ऑफिस में अपने सहयोगियों के साथ किसी विशेष कार्य को लेकर विचार-विमर्श होगा। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।
तुला:आज का दिन राहतभरा होगा व मानसिक शांति रहेगी । कहीं से मन मुताबिक पेमेंट आ जाने से राहत मिलेगी और आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। धार्मिक संस्थाओं के सेवा संबंधी कार्यों में आपका विशेष योगदान रहेगा। सामाजिक दायरा बढ़ेगा और कई प्रकार की गतिविधियों में भी व्यस्तता बनी रहेगी। बेहतरीन स्वास्थ्य के लिए बाहर व धूप में घूमने से परहेज करें।
वृश्चिक:आज व्यापार फलदायक होगा । व्यस्त रहने से समय का सदुपयोग होगा । आयात निर्यात संबंधी व्यवसाय में विशेष अनुबंध प्राप्त होंगे। किसी भी प्रकार का व्यवसायिक कर्जा ना लें, नहीं तो आप किसी मुसीबत में पड़ सकते हैं। सरकारी नौकरी में वर्तमान परिस्थितियों की वजह से अधिक कार्यभार रहेगा। स्वास्थ्य का ध्यान अवश्य रखना है।
धनु:आज आप मानसिक दृष्टि से विशेष राहत महसूस करेंगे । पिछले कुछ समय से चल रही किसी समस्या का निवारण होने से आप स्वयं को तनाव मुक्त महसूस करेंगे। नजदीकी रिश्तेदारों तथा मित्रों के साथ सुखद समय व्यतीत होगा। और उनके साथ किसी विशेष मुद्दे पर विचार विमर्श भी होगा। तबीयत शरीरानुकूल रहेगी।
मकर:आज आप आराम की तलाश कर सकते हैं । व्यापार में भी कार्यभार की बहुत अधिकता रहेगी। और अधिक मेहनत तथा परिणाम सामान्य ही हासिल होंगे। अभी ज्यादा मुनाफे की उम्मीद ना रखें। नौकरीपेशा व्यक्तियों को अपना काम समय पर पूरा ना होने की वजह से उच्च अधिकारियों की नाराजगी सहनी पड़ सकती हैं। इसलिए अधूरे कार्य अवश्य पूर्ण कर लें। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।
कुंभ:आज आप गौरान्वित महसूस करेंगे। आपके सकारात्मक तथा सहयोगात्मक व्यवहार की वजह से परिवार तथा समाज में विशेष मान-सम्मान प्राप्त होगा। अगर कोई विवादित भूमि संबंधी परेशानी चल रही है, तो आज उसे किसी अनुभवी व्यक्ति की सलाह से हल करने की कोशिश करें, अवश्य ही सफलता प्राप्त होगी। तबीयत सम्बन्धित बात को नजरअंदाज न करें।
मीन:आज भाग्य आपके और भी साथ है इसलिए आज आपको नए व्यवसायिक अनुबंध मिलने की पूरी संभावना है। अपना अधिक समय मार्केटिंग तथा प्रोडक्ट की क्वालिटी को बढ़ाने में लगाएं। नौकरी पेशा व्यक्तियों के अपने बॉस व उच्चाधिकारियों के साथ संबंध मजबूत बनेंगे। मन प्रसन्न रहेगा। स्वास्थ्य सम्बन्धी लाभ होगा।
🌞ll ~ वैदिक पंचांग ~ll🌞
🌤️ दिनांक – 21 अक्टूबर 2023
🌤️ दिन – शनिवार
🌤️ विक्रम संवत – 2080
🌤️ शक संवत -1945
🌤️ अयन – दक्षिणायन
🌤️ ऋतु – शरद ॠतु
🌤️ मास – आश्विन
🌤️ पक्ष – शुक्ल
🌤️ तिथि – सप्तमी रात्रि 09:53 तक तत्पश्चात अष्टमी
🌤️ नक्षत्र – पूर्वाषाढा शाम 07:54 तक तत्पश्चात उत्तराषाढा
🌤️ योग – सुकर्मा रात्रि 12:37 तक तत्पश्चात धृति
🌤️ राहुकाल – सुबह 09:30 से सुबह 10:56 तक
🌞 सूर्योदय-05:47
🌤️ सूर्यास्त- 05:38
👉 दिशाशूल- पूर्व दिशा में
🚩 व्रत पर्व विवरण – सरस्वती पूजन
💥 विशेष – सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है तथा शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
💥 ब्रह्म पुराण’ के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- ‘मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।’ (ब्रह्म पुराण’)
💥 शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय।’ का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण’)
💥 हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)
👉🏻 महाष्टमी पर इतना अवश्य करले हर इच्छा पूर्ण होगी⤵️
🌷 काम धंधे में सफलता एवं राज योग के लिए
🙏🏻 अगर काम धंधा करते समय सफलता नहीं मिलती हो या विघ्न आते हों तो शुक्ल पक्ष की अष्टमी हो.. बेल के कोमल कोमल पत्तों पर लाल चन्दन लगा कर माँ जगदम्बा को अर्पण करने से …. मंत्र बोले ” ॐ ह्रीं नमः । ॐ श्रीं नमः । ” और थोड़ी देर बैठ कर प्रार्थना और जप करने से राज योग बनता है गुरु मंत्र का जप और कभी कभी ये प्रयोग करें नवरात्रियों में तो खास करें | देवी भागवत में वेद व्यास जी ने बताया है।
🌷 दुर्गाष्टमी 🌷
➡ 22 अक्टूबर, रविवार को दुर्गाष्टमी है ।
🙏🏻 प्राचीन काल में दक्ष के यज्ञ का विध्वंश करने वाली महाभयानक भगवती भद्रकाली करोङों योगिनियों सहित अष्टमी तिथि को ही प्रकट हुई थीं।
🌷 नारदपुराण पूर्वार्ध अध्याय 117
आश्विने शुक्लपक्षे तु प्रोक्ता विप्र महाष्टमी ।। ११७-७६ ।।
तत्र दुर्गाचनं प्रोक्तं सव्रैरप्युपचारकैः ।।
उपवासं चैकभक्तं महाष्टम्यां विधाय तु ।। ११७-७७ ।।
सर्वतो विभवं प्राप्य मोदते देववच्चिरम् ।।
🙏🏻 आश्विन मास के शुक्लपक्ष में जो अष्टमी आती है, उसे महाष्टमी कहा गया है (महाष्टमी 23 अक्टूबर, सोमवार को है ) उसमें सभी प्रकार से दुर्गा के पूजन का विधान है। जो महाष्टमी को उपवास अथवा एकभुक्त व्रत करता है, वह सब ओर से वैभव पाकर देवता की भाँति चिरकाल तक आनंदमग्न रहता है।
🌷 भविष्यपुराण, उत्तरपर्व, अध्याय – २६
देव, दानव, राक्षस, गन्धर्व, नाग, यक्ष, किन्नर, नर आदि सभी अष्टमी तथा नवमी को उनकी पूजा-अर्चना करते हैं | आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी और नवमी को जगन्माता भगवती श्रीअम्बिका का पूजन करने से सभी शत्रुओं पर विजय प्राप्त हो जाती है | यह तिथि पुण्य, पवित्रता, धर्म और सुख को देनेवाली है | इस दिन मुंडमालिनी चामुंडा का पूजन अवश्य करना चाहिये |
🌷 देवीभागवतपुराण पञ्चम स्कन्ध
अष्टम्याञ्च चतुर्दश्यां नवम्याञ्च विशेषतः ।
कर्तव्यं पूजनं देव्या ब्राह्मणानाञ्च भोजनम् ॥
निर्धनो धनमाप्नोति रोगी रोगात्प्रमुच्यते ।
अपुत्रो लभते पुत्राञ्छुभांश्च वशवर्तिनः ॥
राज्यभ्रष्टो नृपो राज्यं प्राप्नोति सार्वभौमिकम् ।
शत्रुभिः पीडितो हन्ति रिपुं मायाप्रसादतः ॥
विद्यार्थी पूजनं यस्तु करोति नियतेन्द्रियः ।
अनवद्यां शुभा विद्यां विन्दते नात्र संशयः ॥
🙏🏻 अष्टमी, नवमी एवं चतुर्दशी को विशेष रूप से देवीपूजन करना चाहिए और इस अवसर पर ब्राह्मण भोजन भी कराना चाहिए। ऐसा करने से निर्धन को धन की प्राप्ति होती है, रोगी रोगमुक्त हो जाता है, पुत्रहीन व्यक्ति सुंदर और आज्ञाकारी पुत्रों को प्राप्त करता है और राज्यच्युत राज को सार्वभौम राज्य प्राप्त करता है। देवी महामाया की कृपा से शत्रुओं से पीड़ित मनुष्य अपने शत्रुओं का नाश कर देता है। जो विद्यार्थी इंद्रियों को वश में करके इस पूजन को करता है, वह शीघ्र ही पुण्यमयी उत्तम विद्या प्राप्त कर लेता है इसमें संदेह नहीं है।
🌷 नवरात्रि अष्टमी को महागौरी की पूजा सर्वविदित है
🙏🏻 अग्निपुराण के अध्याय 268 में आश्विन् शुक्ल अष्टमी को भद्रकाली की पूजा का विधान वर्णित है।
🙏🏻 स्कन्दपुराण माहेश्वरखण्ड कुमारिकाखण्ड में आश्विन् शुक्ल अष्टमी को वत्सेश्वरी देवी की पूजा का विधान बताया है।
🙏🏻 गरुड़पुराण अष्टमी तिथिमें दुर्गा और नवमी तिथिमें मातृका तथा दिशाएँ पूजित होनेपर अर्थ प्रदान करती है ।
🌷 शारदीय नवरात्रि 🌷
🙏🏻 नवरात्र की अष्टमी यानी आठवें दिन माता दुर्गा को नारियल का भोग लगाएं । इससे घर में सुख समृद्धि आती है ।
🌷 शारदीय नवरात्रि 🌷
🙏🏻 मन की शांति मिलती है मां महागौरी की पूजा से 🌷
नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है। आदिशक्ति श्री दुर्गा का अष्टम रूप श्री महागौरी हैं। मां महागौरी का रंग अत्यंत गोरा है, इसलिए इन्हें महागौरी के नाम से जाना जाता है। नवरात्रि का आठवां दिन हमारे शरीर का सोम चक्रजागृत करने का दिन है। सोमचक्र ललाट में स्थित होता है। श्री महागौरी की आराधना से सोमचक्र जागृत हो जाता है और इस चक्र से संबंधित सभी शक्तियां श्रद्धालु को प्राप्त हो जाती है। मां महागौरी के प्रसन्न होने पर भक्तों को सभी सुख स्वत: ही प्राप्त हो जाते हैं। साथ ही, इनकी भक्ति से हमें मन की शांति भी मिलती है।

