काले कारनामे उजागर होने के डर से सूचना आयोग का गठन नहीं करना चाहती हेमंत सरकार : रमाकांत
राँची: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रमाकांत महतो ने कहा है कि राज्य की हेमंत सरकार अपने काले कारनामों के उजागर के भय के कारण सूचना आयोग का गठन नहीं करना चाहती है।और न्यायालय में हमेशा की तरह भ्रामक सूचनाएं देकर भ्रमित करने का काम कर रही है।जिससे राज्य सरकार की किरकिरी तो हो ही रही है साथ ही बदनामी भी।श्री महतो ने कहा कि भ्रष्टाचार की जननी रही कोंग्रेस और राजद के समर्थन में चल रही हेमंत सोरेन की सरकार से विगत पाँच वर्षों में जो भ्रष्टाचार और लूट के कीर्तिमान स्थापित हुए हैं।उसका उद्भेदन न हो सके।इसका प्रयास शुरू से ही सरकार द्वारा जारी है।
भाजपा प्रवक्ता रमाकांत महतो ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि जब जेवीएम का विलय विधिवत रूप से भाजपा में होने के उपरांत पार्टी ने दल के नेता के रूप में बाबूलाल मरांडी को नियुक्त किया।परन्तु,उससे विधानसभा स्पीकर के ट्रिब्यूनल कोर्ट ने राजीनीतिक साजिश तहत मामले को लटकाये रखा।परिणामतः मामला दीर्घकाल तक लंबित रहा।जबकि बाबूलाल मरांडी राज्यसभा सांसदों के चुनावों में पार्टी की ओर वोट देते रहे।श्री महतो ने कहा कि उसके बाद वर्ष 2023 को भाजपा विधायक दल नेता के रूप में अमर कुमार बाउरी को नियुक्त किया जो सदन में विपक्ष के नेता बने।श्री बाउरी के नेता प्रतिपक्ष के रहते सरकार ने सूचना आयोग के गठन को लेकर विज्ञापन भी निकाला।परंतु सरकार की उदासीनता के कारण आयोग का गठन नहीं हो पाया।सरकार भ्रष्टाचार के आकंठ डूबी रही।मुख्यमंत्री से लेकर कैबिनेट मंत्री भी भ्रष्टाचार के आरोप में सलाखों के पीछे चले गए।अभी भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जमानत पर ही चल रहे हैं।
श्री रमाकांत ने राज्य सरकार से आरोप लगाया है कि राज्य में कई संवैधानिक संस्थाओं का गठन कई वर्षों से नहीं हो सका है।जिसका जुड़ाव सीधे जनता से है।सरकार गठन में उदासीन रवैया अपना रही है।जैसे राज्य महिला आयोग, लोकायुक्त, मानव अधिकार आयोग,राज्य खाद्य आयोग आदि।एवं झारखंड लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष का पद गत कई महीनों से रिक्त पड़ा है।राज्य कर्मचारी चयन आयोग का अध्यक्ष प्रभार में चल रहा है।जहाँ से सरकार लगातार युवाओं के सपने को चकनाचूर करने का काम कर रही है।