शिबू सोरेन पुल का नाम बदलकर वीर बुधू भगत पूल करे सरकार: भाजपा”
रांची: रांची में डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी का नाम बदलने को लेकर प्रदेश की राजनीति गर्मा गई है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने इस फैसले को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सरकार के इस कदम को ‘राजनीतिक नौटंकी’ करार देते हुए कहा कि यह निर्णय न केवल एक देशभक्त महापुरुष का अपमान है, बल्कि राज्य के आदिवासी नायकों के सम्मान के साथ भी एक निष्ठाहीन खिलवाड़ है।
अजय साह ने कहा, “जब पूरा देश पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाए हुए है, ऐसे समय में झारखंड सरकार की यह ओछी राजनीति साबित करती है कि झामुमो को न तो देश की चिंता है और न ही झारखंड के आत्मसम्मान की परवाह।” बीजेपी प्रवक्ता ने सरकार पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए उदाहरण दिए कि जब मयूराक्षी नदी पर राज्य का सबसे बड़ा पुल बना, तो उसका नाम आदिवासी नायक बाबा तिलका मांझी के नाम पर न रखकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पिता शिबू सोरेन के नाम पर रख दिया। इसी तरह धोती-साड़ी योजना को भी मुख्यमंत्री ने अपने दादा-दादी सोना सोबरन के नाम से जोड़ दिया, जबकि आदिवासी समाज के महानायकों को दरकिनार कर दिया गया।
अजय साह ने आगे कहा कि भाजपा डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी और वीर बुधू भगत दोनों को समान रूप से सम्मान देती है। उन्होंने राज्य सरकार के फैसले को इन दोनों महापुरुषों के विरुद्ध बताया और मांग की कि अगर झामुमो वास्तव में वीर बुद्धू भगत का सम्मान करती है, तो यूनिवर्सिटी का नाम बदलने का फैसला तुरंत वापस ले और उनके नाम पर उस नई लॉ यूनिवर्सिटी का नाम रखे, जिसका वादा सरकार पहले ही कर चुकी है।
साह ने चुनौती देते हुए कहा, “अगर सरकार में सच में हिम्मत है और आदिवासी सम्मान की बात करती है, तो मयूराक्षी नदी पर बने शिबू सोरेन पुल का नाम बदलकर वीर बुधु भगत के नाम पर कर दिखाए।”

