गंगा उद्धव योजना : मुख्यमंत्री का भागीरथी प्रयास की हकीकत

हथिदह / मोकामा ( पटना) एक समय हजारों बर्ष घोर तपस्या कर सगर पुत्र भागीरथ ने अपने पूर्वजों के मोक्ष प्राप्ति के लिए मोक्षयिनी गंगा को धरती पर अवतरित कराने का असंभव कार्य किया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कलयुगी भागीरथ ने तकरीबन 3000 करोड़ की लागत से जल, जीवन, हरियाली के अन्तर्गत जल संसाधन विभाग, द्वारा गंगाजल आपूर्ति परियोजना के तहत उलटी गंगा 190 किलोमीटर तक हथिदह ( पटना), बिहारशरीफ, राजगृह ( नालन्दा) घोडा कटोरा से तेतर (नवादा) होते हुए मोक्षधाम फल्गु ( गया) में उद्गम हुआ।
बिहार सरकार के भागीरथी प्रयास से गंगा जल हथिदह,नालन्दा और नवादा होते हुए गया फल्गु में मिलाया गया। पहले चरण में नालन्दा और नवादा के सीमा क्षेत्र में वाटर टैंक तक जल पहुंचाया गया। हथिदह से 92 दूर तक कैनाल द्वारा जल हाउस पम्प में लाया गया। नालन्दा ( राजगृह) के घोड़ा कटोरा और नवादा के मोतनाजे जलाशय से जोडकर गया फल्गु नदी में पहुचाया गया, परन्तु इस भीषण गर्मी में यह योजना फलीभूत नहीं दिख रहा है। जब नदी और जलाशय में जलाभाव हो जलाशय सूखा हो और गंगा नदी से गाद नहीं निकाला जाएगा, तो यह भागीरथी प्रयास केवल बरसात में ही कामयाब रहेगा।
टाल कायाकल्प योजना की 4200 करोड़ की राशि गंगा उद्भव योजना में व्यय कर दिया गया और स्थानीय जनप्रतिनिधि मूकदर्शक बने रहे । दुर्भाग्य है टाल और टाल क्षेत्र के निवासियों का। अब ना जाने कब? आएगे टाल के उद्धारकर्ता अवतार

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