अपेक्षाओं पर खरा उतरना हम सभी की प्राथमिक जिम्मेवारी: दीपिका सिंह पांडेय

एफएफपी भवन में मंत्री ने विभागीय समीक्षा बैठक की,दिए निर्देश

रांची: ग्रामीण विकास एवं ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा बुधवार को एफएफपी भवन में मंत्री दीपिका पांडेय सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों एवं अभियंताओं ने भाग लिया। इस बैठक का उद्देश्य राज्य में संचालित योजनाओं और परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करना एवं उनके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए भावी रणनीति तय करना था।
बैठक के दौरान विभागीय कार्यों की समग्र समीक्षा की गई। संबंधित अधिकारियों से विभिन्न योजनाओं की स्थिति एवं ज़मीनी कार्यान्वयन की रिपोर्ट प्राप्त की गई। माननीय मंत्री जी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी कार्य समयबद्ध एवं गुणवत्ता युक्त ढंग से पूरे किए जाएं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरना हम सभी की प्राथमिक जिम्मेदारी है।
बैठक में विशेष रूप से मनरेगा के अंतर्गत संचालित योजनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई। जिन पंचायतों में आवागमन की समस्या है, वहाँ मनरेगा के तहत मिट्टी-मोरम पथ (Feeder Road) के निर्माण पर विशेष ज़ोर देने के निर्देश दिए गए। अनुसूचित जाति एवं जनजाति बहुल क्षेत्रों में योजनाओं की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता पर भी चर्चा की गई।
अधिक से अधिक ग्रामीण परिवारों को 100 दिन का रोज़गार सुनिश्चित करने हेतु “दैनिक मांग अभियान” चलाने का निर्णय लिया गया, जिससे कम-से-कम 1.5 से 2 लाख परिवारों को स्थायी आय का सहारा मिल सके।
महिला सशक्तिकरण एवं समूह आधारित कार्य
माननीय मंत्री जी ने स्वयं सहायता समूहों (JSLPS) के माध्यम से Vermi Compost Units के निर्माण को तेज़ करने और इसमें महिला सदस्यों की भागीदारी को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया। इसके साथ ही, जहाँ पारंपरिक कुएँ बनाना संभव नहीं है, वहाँ Irrigation Ring Wells के निर्माण पर ज़ोर देने की बात कही गई। आवश्यकता अनुसार Minor Irrigation Scheme के अंतर्गत इनका अनुमोदन किया जाएगा।
बैठक में तय किया गया कि पंचायत स्तर पर खेल मैदानों का निर्माण शीघ्र प्रारंभ किया जाए। जिन स्थानों पर कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है, वहाँ तत्काल कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाए। मानव दिवस आयोजन में महिलाओं एवं अनुसूचित जनजाति समुदाय की कम-से-कम 26% से 28% भागीदारी सुनिश्चित करने का भी निर्देश माननीय मंत्री जी द्वारा दिया गया। इसके अतिरिक्त, जल एवं मृदा संरक्षण से जुड़ी योजनाओं को स्वीकृति देकर त्वरित क्रियान्वयन करने की बात भी कही गई।
मंत्री ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में राज्य की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 15 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण तथा 10 करोड़ रुपये की लागत से पुल निर्माण हेतु बजट आवंटित किया गया है।
बैठक के दौरान माननीय मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी लंबित कार्यों का त्वरित निष्पादन सुनिश्चित किया जाए। जिन कार्यों को लेकर शिकायतें प्राप्त हुई हैं, उनकी जांच अगले दो महीनों में पूरी की जाए एवं दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। सभी लंबित कार्यों को मिशन मोड में पूर्ण करने हेतु तत्काल टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाए। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र एवं संतुलित विकास के लिए प्रत्येक प्रखंड को सशक्त एवं सक्षम बनाएं। उन्होंने कहा कि सभी योजनाओं का लाभ समय पर जनता तक पहुँचना सुनिश्चित किया जाए — यही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

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