पान मसाला, गुटखा, सिगरेट पर प्रतिबंध का निर्णय स्वागत योग्य: अध्यक्ष पासवा
रांची, झारखंड: पासवा (पब्लिक स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन) के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने राज्य सरकार द्वारा पान मसाला, गुटखा और सिगरेट पर लगाए गए प्रतिबंध के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय झारखंड की युवा पीढ़ी के स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
हालांकि, उन्होंने इस प्रतिबंध को प्रभावी ढंग से लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “पहले भी इस तरह के प्रतिबंध लगाए गए थे, लेकिन वे प्रभावी रूप से लागू नहीं हो सके। मैंने 16 जनवरी को और उसके पहले भी मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन और तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर को पत्र लिखकर इस पर सख्ती से अमल करने की मांग कर चुका हूं।”
आलोक दूबे ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी लगातार गुटखा और पान मसाला की बिक्री पर रोक लगाने के प्रयास कर रहे थे, लेकिन अब सरकार के नए निर्देशों से इसे बेचने और सेवन करने वालों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
उन्होंने कहा कि तंबाकू और गुटखा की लत के कारण कई युवा ड्रग्स के जाल में फंस जाते हैं, जिससे इंट्रावेनस ड्रग ट्रांसमिशन के जरिए एचआईवी/एड्स जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने सरकार से मांग की कि इस प्रतिबंध को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जाए ताकि झारखंड की युवा पीढ़ी को सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य मिल सके।
उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि स्कूलों और कॉलेजों के आसपास तंबाकू उत्पादों की बिक्री अधिक होती है, जिससे छात्र इनका शिकार बनते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार के इस फैसले के बाद प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा और राज्य में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा।
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