त्रिफला घृत का सेवन नेत्रों के लिए अमृत स्वरूप माना गया है..

रांची:डिजिटल के इस युग में सब कुछ एंड्रॉयड फोन पर उपलब्ध है। यूं कहे तो दुनिया की तमाम चीजे इंटरनेट पर उपलब्ध है। यहां तक की बच्चों को ऑन लाइन पढ़ाई इंटरनेट मोबाइल के माध्यम से पढ़ाया जा रहा है। ऐसे में मोबाइल के अधिक उपयोग करने से आंखों पर अधिक इफेक्ट कर रहा है। लोगों में नेत्र रोग की समस्या होने लगी है। खासकर छोटे छोटे बच्चों को चश्मा लग रहा है। नेत्र रोग से बचाव के लिए आयुर्वेद में त्रिफला का सेवन सर्वोत्तम माना गया है।यह घृत नेत्रों के लिए बहुत लाभदायक है।हरतौंधी, तिमिर, आँखों में दर्द होना, आँखों से कम दिखाई पड़ना, रक्तदुष्टि, रक्तस्राव पेट की कब्ज, शरीर में चंमडी संबंधित रोग, इन सब में इस घृत का प्रयोग बहुत लाभदायक है।
यदि पित्तवृद्धि के कारण आँखे लाल हो, आँखों में सूजन हो, रोशनी में आँखें खोलने में कठिनाई हो तो इस घृत को मिश्री मिलाकर सेवन और त्रिफला के जल से प्रातकाल आँखों को धोएं, इससे आँखों की समस्याएँ दूर होकर आँखों की ज्योति बढ़ती है।
जिन लोगों को नेत्र रोग की समस्या नियमित रूप से बनी रहती है उन्हें इस घृत का सेवन प्रतिदिन करना चाहिए। इससे रोग दूर होकर आँखे स्वस्थ बनी रहती है तथा शरीर की भी पुष्टि होती है। इसे बनाने के लिए शुक्ल पक्ष के मंगलवार या बृहस्पतिवार कोई योग बनाकर कार्य करना चाहिए जिससे इसकी शक्ति अति शीघ्र हमें नजर आते हैं। BABA G HERBAL त्रिफला घृत का ऑर्डर आप वेबसाइट पर जाकर दे सकते हैं जहां आपको अन्य और कई प्रकार की जानकारियां नजर आऐगी
गुण और उपयोग– 
1गो घृत बिलोने का गाय का घी)750 ग्रा.
2त्रिफला क्वाथ750 मि.ली.
3भृंगराज स्वरस 750 मि.ली.4वासा स्वरस 750 मि.ली.
5गुडूची क्वाथ  काण्ड750 मि.ली.
6शतावरी क्वाथ  मूल750 मि.ली.
7आमला क्वाथ  750 मि.ली.
8बकरी दूध 750 मि.ली.
9पीपर फल17 ग्रा.
10चीनी (Sugar)17 ग्रा.
11द्राक्षा शुष्क फल17 ग्रा.
12आमला फलमज्जा17 ग्रा.
13हरीतकी फलमज्जा17 ग्रा.
14बहेड़ा फलमज्जा17 ग्रा.
15नीलकमल  17 ग्रा.
16मुलहठी मूल17 ग्रा.
17क्षीरकाकोली 17.ग्रा.
सेवन मात्रा
6-12 ग्रा.
अनुपान– गर्म  गाय के दूध, या गर्म पानी के साथ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *