कांग्रेस मांग रही 31,झामुमो 25 से अधिक देने को तैयार नहीं,राजद भी 22 सीटों पर कर रही तैयारी..  

गणादेश रांची : झारखंड में विधानसभा चुनाव तिथि की घोषणा होने के बाद भी अबतक गठबंधन में सीटों को लेकर फाइनल नहीं हो पाया है। जबकि इसके लिए कई दौर की बैठक भी हुई है। लेकिन नतीजा शिफर रहा है। प्रथम चरण का मतदान 13 नवंबर को होना है। इसके लिए नामांकन की प्रक्रिया 18 अक्टूबर से शुरू होगी। वहीं जनकारों की मानें तो विधानसभा चुनाव में झामुमो अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने के मूड में हैं। इसके लिए गठबंधन में कांग्रेस को 25 से अधिक सीट देने को तैयार नहीं है। जबकि कांग्रेस 31 सीटों की मांग कर रही है। झामुमो का मानना है कि पिछली बार कांग्रेस 31 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। जीत दर्ज 16 सीटों पर ही कर पाई थी। इसलिए कांग्रेस को अधिक सीट देने का मतलब सत्ता से पीछे जाना है।ऐसे में कांग्रेस के नेता भी टेंशन में आ गए हैं। लेकिन टेंशन से क्या होगा, गठबंधन में चुनाव भी लड़ना मजबूरी है। क्योंकि अकेले चुनाव लड़े तो लाभ होने वाला नहीं है। प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने सीट शेयरिंग का मामला राहुल गांधी पर छोड़ दिया है। वहीं राजद को गठबंधन में पांच सीटें दी जा रही है। प्रदेश राजद के नेता इससे खुश नहीं हैं और 22 सीटों पर अपनी तैयारी में जुट गए हैं। 18 को तेजस्वी यादव का रांची आगमन है। वे प्रदेश राजद के नेताओं और गठबंधन के नेताओं के साथ बैठक कर सीट बंटवारे का मामला फाइनल करेंगे। वैसे गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर जो अबतक आंकड़ा सामने आ रहा है, उसके मुताबिक झामुमो 48,कांग्रेस 25, राजद 5,सीपीआई-माले3 है ।

राजनीतिक जानकारों की मानें तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री मांईयां सम्मान योजना मास्टर स्ट्रोक मारा है। साथ इसकी राशि में 2500 रुपये करने से वोटरों में झामुमो के प्रति जबरदस्त उत्साह है। इससे सीएम हेमंत सोरेन का क्रेज बढ़ गया है। विधानसभा चुनाव में झामुमो को इससे काफी लाभ मिलने की संभावना है। इसलिए झामुमो इस बार अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहता है।     

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