झामुमो के केंद्रीय अधिवेशन में बोले सीएम हेमंत सोरेन,अबुआ सरकार आम लोगों के हितों में ले रही है फैसले

रांची : झारखंड मुक्ति मोर्चा का खेलगांव में 13वां केंद्रीय महाधिवेशन चल रहा है। सोमवार को पहले दिन महाधिवेशन में 108 पेज का सांगठनिक रिपोर्ट पेश किया गया। वरिष्ठ नेता स्टीफन मरांडी ने राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया।

महाधिवेशन में जेएमएम ने वक्फ बोर्ड संशोधन कानून का विरोध करते हुए कहा कि ऐसा करना संविधान की मूल भावना के अनुरूप नहीं है, क्योंकि संविधान में देश में सभी धर्मों को अपने तरीके से कार्य करने की छूट मिली है. वहीं पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, झारखंड के आदिवासी-मूलवासी, दलित, पीड़ित, शोषित लोगों ने उत्पीड़न से तंग आकर वर्ष 2019 में डबल इंजन की सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंका था. 
हेमंत ने कहा कि झारखंड राज्य के गठन के बाद से ही यहां के आदिवासियों, मूलवासियों, दलितों का शोषण और उत्पीड़न हो रहा था. 2019 में जब जेएमएम के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बनी तो उसे परेशान और तबाह करने की कोशिश की गयी. विपक्षी पार्टी की तमाम कोशिशों के बावजूद अबुआ सरकार ने झुकना स्वीकार नहीं किया. अबुआ सरकार झारखंड के आम लोगों के हितों में फैसले ले रही है. गुरुजी का लगाया पौधा (जेएमएम) आज विशाल वृक्ष का रूप धारण कर चुका है.
हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड राज्य का गठन होने के बाद सत्ता ऐसे लोगों के हाथ में चली गयी, जिनको आदिवासी-मूलवासी से कोई मतलब नहीं था. पिछली सरकारों की नीतियों के कारण आदिवासी-मूलवासी और किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो रहे थे, जबकि हमारी सरकार आम लोगों के हित में काम कर रही है. आदिवासियों-मूलवासियों को उनका अधिकार दे रही है.

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