संस्था के नाम का दुरुपयोग कर रहे 4 अपराध कर्मियों को सीआईए ने किया निष्कासित
पटना : आपको बता दें कि क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (सीआईए) संस्था के बिहार राज्य प्रमुख चंद्रशेखर कुमार ने प्रेस रिलीज जारी किया है जिसमें उन्होंने कहा है यह संस्था राष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत एक पंजीकृत गैर सरकारी संगठन है, जिसका उद्देश्य राष्ट्रहित में कल्याणकारी योजना बनाकर समाज की भलाई हेतु कार्य करना है। संज्ञान में आया है कि कुछ अराजक तत्व संस्था के नाम का दुरुपयोग कर रहे हैं, इसी क्रम में तरुण कुमार, भीम कुमार सिंह, सुजीत कुमार व सूरज कुमार को निष्कासित कर दिया गया है। उन्होंने कहा है की किसी भी व्यक्ति द्वारा संस्था के नाम का दुरुपयोग किया जाएगा तो उस पर वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। वहीं सीआईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय प्रताप सिंह ने कहा कि यह अपराध जांच एजेंसी (सीआईए) एक राष्ट्रीय आधार गैर सरकारी संगठन है, जो भारतीय ट्रस्ट अधिनियम 1882 के तहत पंजीकृत है। जिसका पंजीकरण संख्या 817-4-2016 है। जो सम्पूर्ण भारत मे अपराध एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ने वाले जागरूक लोगो की एक टीम है, जो हमारे समाज मे व्याप्त अपराध एवं भ्रष्टाचार जैसे दहेज उत्पीड़न, महिला उत्पीड़न, बाल श्रम, नकली नोट, अवैध हथियार, अवैध खनन, मादक पदार्थो की तस्करी, पुलिस का सहयोग, मानवाधिकार व अन्य राष्ट्र विरोधी गतिविधियो की रोकथाम हेतु अपना अमूल्य योगदान दे रही है। वहीं बिहार चीफ चंद्रशेखर कुमार ने कहा कि सीआईए बिहार सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर कई जिलों में अपना योगदान दे रही है। साथ ही कई मंत्रालयों में कार्य के बारे में बातचीत चल रही है और भविष्य में सीआईए बिहार में और भी कार्य को करेगी। वहीं चंद्रशेखर ने बताया कि सीआईए बिहार के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और कई राज्यों में बहुत ही अच्छा कार्य कर रही है। वहीं सीआईए इन सब कार्यों के साथ-साथ जासूसी का भी कार्य करती है जिसकी सूचना केवल विभाग के पास ही होती है। वहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय प्रताप ने बताया कि अपराध एवं भ्रष्टाचार की जड़े जितनी गहरी है उससे निपटने के लिए हमारी संस्था में उतनी ही सशक्त टीम व सेवानिवृत्त अधिकारियों का सृजन किया गया है। जिससे कि अपराध एवं भ्रष्टाचार के हर पहलू पर न सिर्फ बारीकी व सरलता से रिसर्च किया जा सके बल्कि उसी के अनुरूप उसको समूल नष्ट करने व उसके पुनः पनपने की सम्भावना को भी पूरी तरह से समाप्त किया जा सके।