3डी प्रिंटिंग से बने उत्पाद को देखकर खूब खुश हुए बच्चे
पटना : बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड, पटना में इन दिनों खूब ज़ोर-शोर से समर कैम्प चल रहा है। समर कैम्प के चौथे सत्र में बच्चों को आज 3डी प्रिंटिंग एवं टाई एंड डाई के बारे में बताया गया। 3डी प्रिंटिंग से बने उत्पादों को देखकर बच्चों में खूब जिज्ञासा दिखी। इस सत्र का संचालन बिहार स्थित स्टार्ट-अप अंकुरम रोबोट की संस्थापक साधना झा द्वारा किया गया। सत्र के दौरान 3डी प्रिंटिंग के बारे में विस्तारपूर्वक बताते हुए उन्होंने कहा कि 3डी प्रिंटिंग मूलतः विनिर्माण की एक तकनीक है जिसका इस्तेमाल कर त्रिविमीय (Three Dimensional) ऑब्जेक्ट का निर्माण किया जाता है। इसके लिये मूल रूप से डिजिटल स्वरूप में एक त्रिविमीय वस्तु को डिज़ाइन किया जाता है। इसके बाद 3D प्रिंटर के द्वारा उसे भौतिक स्वरूप में प्राप्त किया जाता है। यह प्रिंटिंग एक फ़िलामेंट का उपयोग कर के किया जाता है। सबसे खास बात यह है कि इस्तेमाल होने वाला फ़िलामेंट गन्ने के वेस्ट से बनाया जाता है जो कि पर्यावरण के लिए अनुकूल है। जिस गन्ना का रस हम निचोड़ कर फेक देते है उसके बचे वेस्ट को प्रॉसेस कर के उपयोग में लाया जाता है। इस फ़िलामेंट से बने उत्पाद बाइओडिग्रेड्डबल है। इससे हम रोबोट डस्टबीन, बच्चों के लिए खेलने वाले खिलौने,आर्टिफ़िशल दांत,बिल्डिंग व आदि बना सकते है। हम चाहे तो इन खिलौने को रीयूज़ और रेसायकल कर सकते है।
3D प्रिंटिंग में इस्तेमाल होने वाले प्रिंटर योगात्मक विनिर्माण तकनीक (Additive Manufacturing) पर आधारित होते हैं। जहाँ एक साधारण प्रिंटिंग मशीन में इंक और पन्नों की आवश्यकता होती है, वहीं इस प्रिंटिंग मशीन में प्रिंट की जाने वाली वस्तु के आकार, रंग आदि का निर्धारण कर उसी अनुरूप उसमें पदार्थ डाले जाते हैं। 3D प्रिंटिंग अपनी तीन नई खासियतों, खासकर कम समय, वस्तु की डिज़ाइन की स्वतंत्रता तथा कम कीमत के वजह से विनिर्माण क्षेत्र के लिये एक क्रांतिकारी बदलाव की संभाव्यता रखती है।
वहीं उन्होंने आगे कहा कि निश्चित ही 3D प्रिंटिंग के उपयोग का क्षेत्र व्यापक है जिसमें घरेलू से लेकर अंतरिक्ष तक विभिन्न आयाम शामिल हैं तथा स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा एवं अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में अपार संभावनाएँ मौज़ूद हैं।
इसके साथ ही चौथे सत्र में होने वाले टाई एंड डाई गतिविधि का भी प्रशिक्षण दिया गया। इस गतिविधि का प्रशिक्षण सुभाष कुमार ने दिया जहाँ उन्होंने टाई एंड डाई के पहले चरण की जानकारी दी। आने वाले दिनों में बच्चों द्वारा इस गतिविधि को पूरा किया जाएगा।
समर कैम्प के सभी सत्रों के साथ चौथे सत्र में भी बच्चों और अभिभावकों में खूब जोश और जिज्ञासा दिखी। गर्मी के बावजूद बच्चे और अभिभावक हर दिन कुछ नया कौशल सीखने की जिज्ञासा के साथ आ रहे है और गर्मियों की छुट्टियों का पूर्ण तरह से सदुपयोग कर रहे है।

