मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विधानसभा चुनाव में संभावित हार से भयभीत हैं :अमर कुमार बाउरी

रांची: नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने आज हेमंत सरकार पर बड़ा निशाना साधा।
श्री बाउरी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आगामी विधानसभा चुनाव में सुनिश्चित हार को देखते हुए बौखलाहट में हैं।
कहा कि मुख्यमंत्री पदाधिकारियों को आगे कर लोकतंत्र की मर्यादा को तार तार कर रहे।लोकतंत्र का गला घोंटने का कुत्सित प्रयास कर रहे।
कहा कि भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था है न कि राजतंत्र। एक राजनीतिक नेता ,कार्यकर्ता,देश के किसी हिस्से में जाकर अपने दल की बात रख सकता है। माननीय केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान जी और असम सरकार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शरमा जी को भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने झारखंड विधानसभा चुनाव केलिए प्रभारी एवम सह प्रभारी बनाया है।इसी क्रम में अपने दायित्वों के निर्वहन में दोनो नेता गण झारखंड के प्रवास पर आ रहे।
कहा कि भाजपा पिछले 5वर्षों से हेमंत सरकार की विफलताओं ,लूट,झूठ ,भ्रष्टाचार को उजागर कर रही।जनता के साथ सड़क से सदन तक आंदोलन कर रही।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों से राज्य की बदलती डेमोग्राफी के मुद्दे को माननीय उच्च न्यायालय ने भी गंभीरता से लिया है।राज्य सरकार को कड़े निर्देश भी दिए हैं।
उन्होंने कहा कि चाहे युवाओं के रोजगार का मामला हो या बेरोजगारी भत्ता का,किसानों ,महिलाओं केलिए लिए गए वादों का सभी में यह सरकार भाजपा के सवालों का जवाब नही दे पा रही।
कहा कि लव जिहाद,लैंड जिहाद के कारण आदिवासियों की जमीन घुसपैठिए छीन रहे। राज्य की अस्मिता खतरे में है। एक आदिवासी मुख्यमंत्री के रहते आदिवासी की जमीन घुसपैठियों के कब्जे से कोर्ट के आदेश के बावजूद वापस नही कराई जा रही। राज्य सरकार तुष्टिकरण और वोट बैंक के कारण चुप चाप बैठी है।अपराधियों,घुसपैठियों का संरक्षण कर रही।
उन्होंने कहा कि एक राज्य के मुख्यमंत्री को अपने देश में पाकुड़ जिला के गोपीनाथ पुर जाने से रोका जाता है।
कहा कि उत्पाद सिपाही दौड़ में 16 युवाओं की असामयिक मृत्यु हो गई और सरकार संवेदनहीन बनी हुई है। मृतकों के परिजनों तक आज तक सरकार नही पहुंची। भाजपा ने 50लाख रूपए सहायता और एक सरकारी नौकरी की मांग की उसपर भी सरकार मौन है।

कहा कि जब इन सभी मुद्दों को गंभीरता पूर्वक प्रदेश भाजपा शिवराज सिंह चौहान और हिमंत विश्व शरमा जी के मार्गदर्शन में जनता के बीच ले जा रही तो राज्य सरकार बौखलाहट में उल्टे निर्णय ले रही।
कहा कि भाजपा एक सशक्त विपक्ष के नेता जन भावनाओं के अनुरूप जनता की आवाज बनी है।जनता ने लोकसभा चुनाव में भाजपा और एनडीए को बड़ा समर्थन दिया है । और विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को जिताने केलिए संकल्पित है।
कहा कि अगर राज्य सरकार को लगता है कि जनता के मुद्दों को उठाना लोकतंत्र में विधि विरुद्ध है।आदिवासी मूलवासी ,महिला,दलित, पिछड़ा वर्ग की बात करना विधि विरुद्ध है तो फिर राज्य सरकार को दोनो नेताओं पर मुकदमा दर्ज करना चाहिए। चुनाव आयोग में रोना रोने से क्या होगा।

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