खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए बिहार में भरपूर संभावनाएं : मुख्य सचिव
उद्योग विभाग के खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय द्वारा ज्ञान भवन में पीएमएफएमई कनेक्ट और मिलेट महोत्सव का आयोजन किया गया। इसका उद्घाटन बिहार सरकार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की सचिव अनीता प्रवीण और बिहार सरकार के उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौण्डरीक ने किया। उद्घाटन समारोह में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से जुड़े उद्यमियों और जिला संसाधन सेवकों को संबोधित करते हुए मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि बिहार में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री की व्यापक संभावनाएं हैं। बिहार की भूमि उपजाऊ है। मसाले सब्जियों और फलों के उत्पादन में बिहार भारत का अग्रणी राज्य है। मखाना और मशरूम का सबसे अधिक उत्पादन बिहार राज्य में ही होता है। मक्का, टमाटर, केला, सब्जियां, फल और अनाज के उत्पादन में भी बिहार भारत के 5 सबसे बड़े राज्यों में एक है। कई कृषि उत्पाद 1 सप्ताह से 1 माह की अवधि के भीतर उपयोग न किए जाने पर खराब हो जाते हैं, लेकिन यदि उनकी अच्छी तरह से प्रोसेसिंग कर दी जाए तो उनका लाइफ बढ़कर कई साल हो जाता है। मुख्य सचिव ने कहा कि बिहार में बैंकों उद्यमियों और सरकार के बीच तालमेल बढ़ा है। उद्योग विभाग के अधिकारियों की सकारात्मक कोशिशों से उद्यमियों के बीच जोश भर गया है। सब में एक साथ मिलकर आगे बढ़ने की चाहत भी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि बिहार एक बड़ा उपभोक्ता राज्य है और गांव शहर सभी जगह प्रोसेस्ड फूड की डिमांड बढ़ी है। मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने लघु एवं मध्यम उद्योगों के संचालकों से कहा कि अपने प्रोडक्ट बनाते समय शुद्धता और गुणवत्ता का ख्याल रखें। इससे प्रोडक्ट के प्रति कंज्यूमर का विश्वास बढ़ता है और स्थानीय बाजार में प्रोडक्ट का पॉजिटिव इमेज बनता है। इससे मांग बढ़ती है और दूसरे बाजारों में भी प्रोडक्ट की डिमांड बढ़ती है। उन्होंने कहा कि अब गांव-गांव में बाजार और दुकानें खुल गई हैं। उत्पादक अपने जिले के बाजार पर फोकस करें और फिर उत्पादन बढ़ने पर आसपास के दूसरे बाजारों में मार्केटिंग चालू करें। मुख्य सचिव ने कहा कि खुदरा दुकानदारों और स्कूल एवं कॉलेज के विद्यार्थियों को अपने कारखाने में बुलाकर वहां बनने वाले उत्पादों की गुणवत्ता और प्रक्रिया को दिखाएं, इससे आपकी विश्वसनीयता बढ़ेगी।
भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की सचिव अनीता प्रवीण ने कहा कि पीएमएफएमई योजना के क्रियान्वयन में बिहार का प्रदर्शन उत्साहवर्धक है। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का 9% से अधिक की दर से विकास हुआ है। पिछले साल इस सेक्टर का ग्रोथ रेट 22% रहा है। उन्होंने कहा कि आम और लीची का लाइफ 10 दिनों का होता है लेकिन यदि इनकी प्रोसेसिंग कर दी जाए तो अगले एक-दो सालों तक अलग-अलग तरीके से उनको खाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की योजनाओं को लागू करने में बिहार का स्थान पहला या दूसरा रहता है, यह उनके लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि किसान संपदा योजना और पीएमएफएमई योजनाओं के माध्यम से खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में लगने वाली इकाइयों को अनुदान दिया जाता है।
उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौण्डरीक ने उद्यमियों को प्रेरित करते हुए कहा कि प्रोडक्ट की गुणवत्ता के साथ समझौता कभी नहीं करें। अच्छी नीयत से काम करें तो उसका अच्छा परिणाम निकलेगा। उन्होंने कहा कि उद्योगों की सफलता एक लंबी प्रक्रिया है। सफलता के लिए धैर्य के साथ मेहनत करना जरूरी है। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की पंक्तियों को उद्धृत करते हुए संदीप पौण्डरीक ने कहा कि ‘है कौन विघ्न ऐसा जग में/टिक सके वीर नर के मग में/खम ठोक ठेलता है जब नर/ पर्वत के जाते पांव उखड़/मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है।’
इससे पहले कार्यक्रम के प्रारंभ में खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय के निदेशक विवेक रंजन मैत्रेय ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से जुड़ी हुई योजनाओं की प्रगति के संबंध में प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उद्योग निदेशक पंकज दीक्षित ने स्थानीय कारीगरों द्वारा निर्मित जूट के पुष्पगुच्छ देकर अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान के डायरेक्टर डॉ. राणा सिंह, विशाल भदौरिया रितेश कुमार और अरुण प्रकाश ने सूक्ष्म एवं लघु औद्योगिक इकाइयों के संचालकों को सोशल मीडिया के उपयोग, डिजिटल मार्केटिंग, बैंकों की क्रेडिट लिंक योजनाएं और फूड सेफ्टी प्रबंधन के संबंध में विस्तार से बताया। कार्यक्रम में तकनीकी विकास निदेशालय के निदेशक संजीव कुमार, उद्योग विभाग के विशेष सचिव दिलीप कुमार और आलोक कुमार, भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के निदेशक डी. प्रवीण एवं उद्योग विभाग के सभी अधिकारी भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय की पीएमएफएमई योजना का बेहतर क्रियान्वयन करने वाले बैंकों और जिला संसाधन सेवियों को सम्मानित भी किया गया ।