झारखंड को भूटान ने बंद किया बिजली देना, 200 मेगा वाट मिलती थी बिजली
हर दिन खरीदी जा रही है 18 से 20 करोड़ रुपये की बिजली
डीवीसी दे रहा है सबसे महंगी दर पर बिजली
रांची। झारखंड में पड़ रही भीषण गर्मी के बीच बिजली ने भी और गर्माहट बढ़ा दी है। राज्य वासियों का चैन और सुकून छिनता जा रहा है। अब झारखंड को भूटान ने भी बिजली देना बंद कर दिया है भूटान के हाइडल प्रोजेक्ट से हर दिन 200 मेगा वाट बिजली मिलती थी। अब अन्य स्रोतों से बिजली बिजली खरीदी जा रही है लेकिन मांग को पूरा करने के लिए यह काफी नहीं है पूरे झारखंड में हर दिन 300 मेगा वाट से 400 मेगा वाट तक बिजली की कमी रह रही है। वही डीवीसी झारखंड को सबसे महंगी दर पर बिजली दे रहा है झारखंड सरकार डीवीसी से 4 .75 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीद रही है
बिजली की खरीद में 8000 करोड रुपए का बकाया
झारखंड में बिजली की खरीद में लगभग 8000 करोड रुपए का बकाया हो गया है डीवीसी का उधार बढ़कर 3900 करोड़ और टीवीएनएल का उधार बढ़कर 3500 करोड़ रुपए हो गया है। जबकि अन्य स्रोतों से ली जाने वाली बिजली के एवज में झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम का बकाया लगभग 500 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। वहीं झारखंड में हर दिन 18 से 20 करोड़ की बिजली खरीदी जा रही है जो सामान्य दिनों से 3 करोड़ रुपए अधिक है वितरण निगम के जीएम रेवेन्यू ऋषि नंदन के अनुसार हर महीने तकरीबन 600 करोड़ रुपए की बिजली खरीदी जा रही है