भोजपुरी आंदोलन को नई दिशा देने के उद्देश्य के साथ भिखारी ठाकुर लोकोत्सव का कल से आगाज़
अनूप कुमार सिंह
भोजपुर(आरा)भोजपुरी लोक कलाकार भिखारी ठाकुर की जयंती के उपलक्ष्य में त्रिदिवसीय भिखारी ठाकुर लोकोत्सव का आगाज सोमवार से स्थानीय पटेल बस पड़ाव स्थित भिखारी ठाकुर सांस्कृतिक मंच पर होगा। भिखारी ठाकुर सामाजिक शोध संस्थान के बैनर तले इस साल लगातार 24 वें संस्करण का आयोजन होगा। इस बार त्रिदिवसीय आयोजन का मुख्य उद्देश्य भोजपुरी जनांदोलन को नई दिशा देना है।वहीं भोजपुरी को संवैधानिक मान्यता दिलाने के लिए अंतिम व निर्णायक संघर्ष का आह्वान करना है। भिखारी ठाकुर लोकोत्सव का मुख्य आकर्षण पारंपरिक गोंड, कठघोड़वा, धोबिया नाच, चर्चित कलाकारों अंकिता पंडित, आशीष दूबे का गायन, बक्शी विकास का भोजपुरी गीतों पर शास्त्रीय नृत्य, स्थानीय स्कूली बच्चों की तथा भोजपुरी भाषा की अस्मिता व संवैधानिक मान्यता के सवाल पर परिचर्चा होगी। भिखारी ठाकुर सामाजिक शोध संस्थान के 20 वार्षिक सम्मानों को भी भोजपुरी क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों को दिया जाएगा।सोमवार को कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र के बाद परिचर्चा व गोंड नाच का आयोजन होगा। कार्यक्रम की विधिवत जानकारी देते हुए संस्थान के अध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार नरेंद्र सिंह ने कहा कि इस बार वार्षिक स्मारिका का भी प्रकाशन होगा। जिसके कवर पेज की मुंह दिखाई कल होगी। 200 से ऊपर फिल्मों में काम कर चुके भोजपुरी के मशहूर चरित्र अभिनेता विजय खरे के निधन पर 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। वरिष्ठ कवि जनार्दन मिश्र व संस्कृतिकर्मी अमरदीप कुमार राय ने विजय खरे से जुड़े प्रसंगों को साझा किया। आज की बैठक में रविन्द्र नाथ सिंह, डॉ वीरेंद्र कुमार शर्मा, कृष्ण प्रताप सिंह, कवि राज कवि, रंजन यादव, सुरेन्द्र प्रसाद यादव, डॉ दिनेश प्रसाद सिन्हा, चंद्रभूषण पांडेय, पत्रकार संजय कुमार श्रीवास्तव सोहित सिन्हा व रवि प्रकाश सूरज ने लोकोत्सव की सफलता के लिए रणनीति पर विचार किया।वहीं लोकोत्सव से जुड़ने और सहयोग करने की अपील की।