हजारों साल पुराने आपरुपी मंदिर है बाबा कपिलेश्वर धाम

निरसा ; प्रखंड अंतर्गत पंडरा गांव स्थित बाबा भोले नाथ के भव्य मंदिर जो कि बाबा कपिलेश्वर धाम के नाम से जाना जाता है!
हजारों साल पुराने इस मंदिर से बहुत सारे पौराणिक कथा जुड़ी हुई है और बहुत सारे विशेषताएं भी।
गांव के बुजुर्ग कहते है कि इस मंदिर को जानने के लिए सर्व प्रथम महाभारत के संबंध में जानना जरूरी है चुकीं महाभारत मे वर्णित अनुसार जब पांडवों को बारह साल के बनवास और एक साल अज्ञात वास हुई थी तो उस समय पांचो पांडवों अपनी माता कुंती और द्रौपदी के साथ वनवास कालीन इसी गांव मे पधारे थे और उन्होंने इस मंदिर मे पांचों भाई का अलग-अलग शिव लिंग का स्थापना किया था और माता कुंती और द्रोपदी के एक अलग रसोई घर था !

कथित है कि यह एक आपरुपी मंदिर है इसकी निर्माण का कोई वही साक्ष नही है पांडवों के आगमन के कारण इस गांव का नाम पांडुरा हुआ था जो आज पंडरा मे परिवर्तित हो चुका है!

जब पंडरा राजस्टेट हुआ करता था तो उस समय यह मंदिर पंडरा राजा के अधिनस्थ था और मंदिर मे बिधिबत नियमित पूजा अर्चना के लिए मंदिर के सेवाईत सभी वर्गो के लोगों को राजा के द्वारा भूमि दान किया गया था ताकि सेवाईत में किसी प्रकार की त्रुटि न हो और सेवाईत सभी वर्गों के बंसज अपने परम्परा अनुसार आज भी मंदिर के सेवा मे तत्पर है!
बाबा कपिलेश्वर धाम के विशेषताओं के सम्बंध में मंदिर के पुजारी माधव बनर्जी कहना है कि यह मंदिर हमारे लिए किसी धरोहर से कम नही है और लोग अपने आस्था और विश्वास के साथ यहाँ पुजा अर्चना के लिए आते है और सभी का मनोकामनाएं पुर्ण होती है ऐसे तो पुरे साल ही पुजा पाठ चलते रहता है परंतु सावन महीने मे मंदिर का रुप कुछ और ही होता है आस-पास के गांव और दूर-दराज से भक्त पहुचते है बाबा के दरवार में जलाभिषेक के लिए भर सावन भक्तों की भीड़ का तांता लगा हुआ रहता है इनके अलावा शिवरात्रि मे भी सुबह से लेकर रात तक लंबी कतार में खड़े होकर लोग पुजा करने पहुचते है किसी भी भक्तों का अपनी कोई भी मनोकामना हो तो वह बाबा के मंदिर मे धरनारत हो जाते है और फिर बाबा के आदेश के बाद धरना समाप्त कर घर चले जाते है ! विधिबत रूप से बाबा भोलेनाथ का नित्य अन्नभोग होता है और भक्तो के द्वारा जुड़ी भोग और ध्वजा की मन्नत की जाती है जिसके भी मन्नतें पूरी हो वह अपने सामर्थ के अनुसार मंदिर मे जुड़ी भोग और ध्वजा चढ़ाते है!
लोगों का कहना है कि देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम का यह दूसरा स्वरूप है बाबा कपिलेश्वर धाम सच्चे मन से जो भी भक्त यहां आकार बाबा के पास अपने जो भी मन्नतें मांगते है वह जरूर पूरा होता है!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *